रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के तीसरे दिन का प्रश्नकाल अफसरों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। विधानसभा में तीन अलग-अलग सवालों पर स्वास्थ्य एवं पंचायत विकास मंत्री टीएस सिंहदेव और पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कुल 8 अफसरों के निलंबन की घोषणा कर दी। कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने प्रश्नकाल के दौरान जनपद पंचायत बेरला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध अवैध वसूली की शिकायतों का मामला उठाया। इस मामले में कांग्रेस विधायक के साथ ही साथ विपक्षी सदस्यों ने भी दोषी अधिकारी के निलंबन की मांग की थी। इस संबंध में टीएस सिंहदेव ने आश्वस्त किया कि शाम तक संबंधित अधिकारी को लेकर जानकारी मिल जाएगी।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जनपद पंचायत फिंगेश्वर में पंच और सरपंचों से राशि काटने के मामले में भी पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने लेखा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा की। इसके बाद जेसीसीजे सदस्य धर्मजीत सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान रायपुर के एक्सप्रेसवे के निर्माण में गड़बड़ी का मामला उठाया। तब अफसरों के चेहरे पीले पड़ गए जब इस मामले में दोषी पाए गए छह अफसरों के एक साथ निलंबन की पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने घोषणा कर दी। मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। जेसीसीजे सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि रायपुर की जनता शांत है इसलिए इतनी बड़ी गड़बड़ी के बावजूद कोई असहज स्थिति निर्मित नहीं हुई। इस मामले में जनता का पैसा लगा है, गरीबों का पैसा लगा है। इसलिए तत्काल जिन अधिकारियों ने एक्सप्रेस वे निर्माण में लापरवाही बरती उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जानकारी दी कि ठेकेदार और कंसल्टेंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है, ठेकेदार से ही दोबारा पूरे एक्सप्रेस वे ठीक कराया जा रहा है। उसकी मरम्मत कराई जा रही है। अगर सरकार ठेका रद्द कर देती तो सरकार को दोबारा राशि खर्च कर इसके मरम्मत कराना पड़ता इसलिए ठेकेदार को ही एक्सप्रेस वे के मरम्मत का जिम्मा दिया गया है। सरकार एक्सप्रेस वे की गुणवत्ता के प्रति गंभीर है और इसके मरम्मत की प्रक्रिया भी लगातार जारी है, इसलिए जो दोषी अधिकारी उनके निलंबन की घोषणा की जाती है।