गौरेला। आदिवासी आयुक्त, शिक्षा विभाग, जिलापंचायत सहित विभिन्न विभागों में संलग्नी करण के रास्ते बिलासपुर जिले के विभिन्न स्थानों में पदस्थ कर्मचारियों को उनके मूल स्थान में वापस नहीं भेजने की सूरत में गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले से अब उनका तनखा रोक दिया जाएगा। जिले के आईएएस शिखा राजपूत तिवारी के इस संबंध में कुछ विभागों को भेजे गए पत्र से खलबली मच गयी है।
ज्ञातव्य है कि गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले के बहुत से कर्मचारी संलग्नीकरण के रास्ते बिलासपुर जिले के कई स्थानों में पदस्थ हैं जबकि संलग्नीकरण पर शासन द्वारा रोक है। ऐसे कर्मचारियों के वेतन का आहरण तो उनके मूल पदस्थ स्थान से होता है लेकिन वे सेवाएं कहीं और दे रहे होते हैं।
जिले के गठन के बाद जीपीएम जिला कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। सभी विभागों का जिले के अनुरूप सेटअप तैयार करना अभी एक चुनौती है। ऐसे में इस जिले से संबंधित कर्मचारी अन्य स्थानों पर पदस्थ हों तो वह चिंता जनक है। आईएएस शिखा राजपूत द्वारा भेजे गए पत्र में ऐसे कर्मचारियों की सूची भी संलग्न की गयी है जिनका संलग्नीकरण कर बिलासपुर जिले के कई स्थानों में पदस्थ किया गया है। हालाकि संलग्नीकरण कर पदस्थापना में शासन की ओर से रोक है लेकिन संलग्नीकरण का खेल बदस्तूर जारी है यह भी साबित हो जाता है।
सहायक आदिवासी आयुक्त बिलासपुर को लिखे गए पत्र में 15 कर्मचारियों की सूची, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर को 15 कर्मचारियों की सूची तथा संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा विभाग को प्रेषित पत्र में 7 कर्मचारियों की सूची दी गयी है जो अनियमित रूप से मूल स्थान के बजाय दूसरे जगह अपनी सेवाएं दे रहे हैं।