नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट न कहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत वही अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द होगी जहां सरकार ने 5 साल के अंदर न तो भूमि पर कब्जा किया हो और न ही मुआवजा दिया हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर 5 साल के अंदर ज़मीन पर कब्जा कर लिया लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया इस सूरत में जमीन अधिग्रहण रद्द नहीं होगा. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर 5 साल के अंदर जमीन पर कब्जा नहीं किया गया लेकिन मुआवजा दे दिया गया तो भी अधिग्रहण रद्द नहीं होगा. कोर्ट ने साफ किया है कि जो जमीन के मालिक मुआवजे की रकम को अस्वीकार कर देते है, वे जमीन अधिग्रहण को रद्द करने की मांग नहीं कर सकते. जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इससे पहले दो अलग-अलग बेच में दी गई विरोधाभासी व्यवस्था को रद्द कर दिया.
5 साल में भूमि पर कब्जा न होने और मुआवजा न देने पर ही रद्द होगा अधिग्रहण
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