रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सवाल उठाया कि केन्द्र सरकार के उठाव और राज्य में खपत के बाद बचे धान की सरकार की ओर से क्या व्यवस्था की गई है। क्या फिर से बचे धान को चावल बनाकर काम के बदले अनाज योजना चालू की जाएगी?दूसरे राज्यों में भी यह धान बेच नहीं सकते, क्योंकि दूसरे राज्यों से अधिक कीमत पर यहां खरीदी हुई है एक ही रास्ता बचता है कि जब हमारी सरकार थी तब हमने काम के बदले अनाज योजना शुरू की थी? यह बेहतर विकल्प हो सकता है सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।
विधानसभा के बजट सत्र में विभागीय मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य में बंपर धान का उत्पादन हुआ है। करीब दस लाख मीट्रिक टन धान बचेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को चि_ी लिखी है। धान खरीदी राज्य केंद्र के प्रतिनिधि के रुप में करता है। भारत सरकार ने 24 लाख टन धान लेने की अनुमति दी है। शेष लेने के लिए अनुमति मांगी गई हैं। भगत ने कहा कि कहीं भर भी धान अंकुरित होने की जानकारी नहीं हैं। धान खरीदी के बाद यह संबंधित समिति की जिम्मेदारी होती है कि धान का रखरखाव समुचित ढंग से करे और उनकी जानकारी भी सभी जगह ऐसा हुआ है।
बचे हुए धान को लेकर अजित जोगी ने सदन में उठाया सवाल, जवाब में विभागीय मंत्री ने दिया ये जवाब ….पढ़िए पूरी खबर
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