गरियाबंद में एक फाउंडेशन द्वारा गरीब बच्चों के शैक्षिणिक स्तर को ऊपर उठाने के नाम पर जिले के बेरोजगारों को शिक्षक बनाने का झांसा देकर रकम ऐंठने का मामला सामने आया है। फाउंडेशन द्वारा जिले में बड़े स्तर पर बेरोजगारों से ठगी को अंजाम दिया है। प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इस तरह की ठगी की जानकारी सामने आ रही है। फाउंडेशन के तार दूसरे प्रदेश से भी जुड़े होने के संकेत सामने आए है। पीड़ितों द्वारा एक आवेदन के माध्यम से गरियाबंद पुलिस को 20 दिन पहले अवगत कराने का दावा किया गया है। मगर अबतक कोई कार्यवाही नही हुई है।
स्वामी विवेकानंद चैरिटेबल ट्रस्ट नयी दिल्ली द्वारा खुद को शासकीय मान्यता प्राप्त संस्था होने का दावा करते हुए गरीब बच्चों के शैक्षणिक स्तर को ऊंचा उठाने का काम करने वाली संस्था बताकर गरियाबंद जिले के बेरोजगार युवकों को इसमें शिक्षक बनने के नाम पर भर्ती किया गया। संस्था में जुड़ने वाले युवकों को अपने गांव में ही शैक्षणिक कार्य करने का दायित्व सौपने की बात कही गयी, इसके बदले युवकों को तीन से साढ़े तीन हजार रुपये मासिक वेतन देने का भरोसा दिलाया गया। साथ ही युवकों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1550 रुपये संस्था के खाते में जमा कराए गए। पीड़ित युवकों के मुताबिक संस्था में दो अधिकारी गरियाबंद जिले के है और एक ओडिसा का है जिनके माध्यम से उन्होंने संस्था में जॉयनिंग लिया, उन्होंने कुछ महीने बच्चों को पढ़ाने का काम भी किया मगर उनको फूटी कौड़ी नही दी गयी। यहां तक कि संस्था से जुड़े इन अधिकारियों ने अब उनका फोंन रिसीव करना भी बंद कर दिया है। पीड़ितों का दावा है कि अकेले गरियाबंद जिले में सैकड़ो युवक इस संस्था की ठगी का शिकार हुए है। नौकरी मिलना तो दूर बेरोजगारों से ही रकम ऐंठ ली गयी, पीड़ितों ने 19 फरवरी को इसकी शिकायत गरियाबंद एसपी से की है, हालांकि अबतक मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही की सुबुगाहट सामने नही आयी है।