भोपाल। मध्यप्रदेश में तमाम सियासी उठा-पठक के बीच कांग्रेस की सरकार आखिर में गिर ही गई। कई तरह के प्रयासों के बाजवूद कांग्रेस पार्टी कमलनाथ सरकार को नहीं बचा पाई। कांग्रेस 22 बागी विधायकों के इस्तीफा मंजूर होने के बाद मुख्यमंत्री कमनलाथ ने भी अपना इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
कमलनाथ के पास त्याग-पत्र देने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था। उन्हें मालूम हो चला था कि फ्लोर टेस्ट में जाने का कोई औचित्य नहीं है. क्योंकि कांग्रेस के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था। लिहाजा उन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले ही राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने का ऐलान कर दिया है।
इस्तीफे से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाउस में प्रेसवार्ता की। पत्रकारों से चर्चा में कमलनाथ कई मौके पर भावुक भी नज़र आएं। उन्होंने इस दौरान बीते 15 महीनों में कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए कार्यों की उपलब्धियाँ गिनाई। उन्होंने कहा कि जनता हमें पाँच साल के लिए मौका दिया था। मैंने हमेशा प्रदेश हित के लिए काम किया। मेरे लिए विकास सर्वोपरी रहा है।