रायपुर: चिंतागुफा थाना क्षेत्र के एलमागुंडा इलाके में बड़ी संख्या में नक्सली के इकठ्ठा होने की सूचना पर दोरनापाल थाना क्षेत्र से उनके खिलाफ मोर्चा लेने रवाना हुई डीआरजी, एसटीएफ की एक टीम से पुलिस-नक्सल मुठभेड़ के बाद लापता सुरक्षाबलों के 17 जवानों की शहादत हो गई है.
आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की
आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि कर दी है. हालांकि सरकार की ओर से अब तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. बता दें कि शनिवार को सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के करीब 550 जवान सर्चिंग पर निकले थे. इस दौरान कसलपाड़ से लौटते वक्त कोराज डोंगरी के करीब नक्सलियों ने एंबुश लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया था.
हालांकि देर रात सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली मारे गए हैं. सरकार के विज्ञप्ति में कहा गया था कि ‘सुकमा जिले के एलमागुंडा के पास 5 घंटे तक पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने और घायल होने की सूचना है.
मुठभेड़ में घायल 14 जवानों को रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिनमें से 12 जवानों की हालत सामान्य है एवं 2 जवान गंभीर रूप से घायल है.’ डीआरजी और एसटीएफ के करीब 200 से ज्यादा जवानों की टीम को बुरकापाल में सीआरपीएफ के कोबरा के जवानों की एक तीसरी टुकड़ी भी मिल गयी.
योजना के अनुसार सुरक्षबलों के इस बड़े एनकाउंटर दल को नक्सलियों के ख़िलाक एक सरप्राइज हमला करना था लेकिन वहां मौजूद माओवादियों को उनके आने की जानकारी पहले से लग चुकी थी.बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जवानों को जंगलों के काफी अंदर तक आने दिया. घने जंगल में दूर तक चले जाने के कारण जवानों को जब कोई नक्सली गतिविधि नजर नहीं आयी तो वे वापस लौटने लगे. यहीं सुरक्षाबलों की एनकाउंटर टुकड़ी पर घात लगाए माओवादियों ने पहाड़ी के ऊपर से हमला बोल दिया.