रायपुर 23 मार्च 2020/ कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के मद्देनजर राज्य शासन के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा, दवाईयों तथा उपकरण को छोड़कर अन्य उद्योगों के उत्पादन तथा संचालन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है – भारत सरकार द्वारा आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल उद्योगों जैसे-खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा और आवश्यक दवाईयों तथा उपकरण से संबंधित संस्थानों और सेवाओं का संचालन करने तथा शेष औद्योगिक संस्थानों को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक उत्पादन एवं संचालन बंद किया जाए। इनमें ऐसे संस्थान शामिल नहीं है, जिनमें उत्पादन की प्रक्रिया लगातार चलती हो यथा-ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया से लौह निर्माण आदि। सभी कलेक्टरों और जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधकों को जारी निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक संस्थानों में कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता तथा देश एवं प्रदेश में इस संक्रमण विस्तार के खतरे को ध्यान में रखते हुए इसकी रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य में स्थापित समस्त औद्योगिक-व्यापारिक इकाईयों को निर्देशित किया गया है कि वे केवल उन इकाईयों जो भारत शासन द्वारा आवश्यक सेवाओं की सूची में अनुमत हो, यथा-खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा से संबंधित आवश्यक दवाएं एवं उपकरण से संबंधित औद्योगिक संस्थानों-सेवाओं का प्रचालन किये जावे। शेष औद्योगिक संस्थानों (उन संस्थानों को छोड़कर जिनमें उत्पादन प्रक्रिया अनवरत प्रकृति की हो यथा-ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया से लौह निर्माण) को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक उत्पादन एवं संचालन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी प्रकार औद्योगिक संस्थानों में नियमित एवं अनियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन-भत्ते समय पर देने, अनवरत प्रकृति के उत्पादन वाली इकाईयों-संस्थाओं में न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही अधिकारियों-कर्मचारियों का उपयोग करने महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करने, इन संस्थान में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सतत् निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के विषय में भारत शासन एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी समस्त दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार नियमित रूप से किया जाए। अति आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली तथा कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी तथा इन इकाईयों के संपर्क में आने वाले प्रवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर जिला कलेक्टर से पूर्वानुमति के पश्चात इकाई का संचालन किया जा सकता है। इसके लिए संबंधित जिले के मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से पूर्वानुमति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
औद्योगिक संस्थानों द्वारा यह ध्यान रखा जाए कि संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य सरकार तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों को अक्षरशः पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। प्रबंधन द्वारा समूह में आवागमन हेतु वाहन व्यवस्था किसी भी स्थिति में उपलब्ध नहीं हो। संस्थान में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सतत् निगरानी रखी जाए। कोई भी व्यक्ति संक्रमित न हो, इसका समुचित ध्यान रखा जाए। इस प्रकार के संक्रमण के रोकथाम की समुचित व्यवस्था एवं निर्देश पालन की संपूर्ण जिम्मेदारी संस्थान के प्रबंधन की होगी।
जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि आवश्यक वस्तुओं एवं सेवा के परिवहन में कोई रोक नहीं है, किन्तु यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी औद्योगिक-व्यापारिक संस्थानों के द्वारा आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए उपयोग में लिए जाने वाले वाहनों का यात्री परिवहन में उपयोग पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। किसी भी प्रकरण में दुरूपयोग की स्थिति में संस्थान के प्रबंधन के विरूद्ध सुसंगत कानूनों के अंतर्गत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। औद्योगिक परिसर में कम से कम अधिकारियों-कर्मचारियों का आवागमन सुनिश्चित करने हेतु अधिकाधिक कार्य घर पर रहकर कार्य (वर्क फ्राम होम) पद्धति से सम्पादन करने का प्रयास हो। साथ ही ऐसे नियमित एवं अनियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को देय वेतन/ भत्ते समय पर प्रदाय किया जाए। यह भी कोशिश हो कि औद्योगिक संस्थानों में आवागमन न्यूनतम हो, जिससे संक्रमण के फैलने की संभावना शून्य हो।