रायपुर। राजधानी में शुक्रवार को सुबह से काफी चहल-पहल नजर आ रही है। लोगों के चेहरों पर माॅस्क तो नजर आए, लेकिन जिस तरह की भीड़ नजर आ रही है, साफतौर पर लाॅकडाउन का उल्लंघन है, पर किसी तरह की कार्रवाई का ना होना, खतरे की घंटी है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूरा प्रशासन इस कोशिश में लगा हुआ है कि छत्तीसगढ़ से कोरोना के अंतिम अंश को खदेड़ दिया, तो दूसरी तरफ आम लोग मुसीबत को न्यौता देते नजर आ रहे हैं।
राजधानी में पुलिस को सख्त होने की बजाय लोगों से नरमी से पेश आने कहा गया है, लेकिन इस नरमी का नाजायज फायदा उठाने का नजारा आज राजधानी के हर हिस्से में नजर आया। रायपुरा क्षेत्र से लेकर सुंदरनगर, लाखेनगर चैक, पुरानी बस्ती, आमापारा बाजार से लेकर तात्यापारा, भाठागांव से लेकर संतोषी नगर और पचपेढ़ी नाका से लेकर न्यू राजेन्द्र नगर इलाके में नजर आने वाली चहल-पहल परेशानी का सबब बन सकता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक रायपुर ने बार-बार इस बात को दोहराया है कि लाॅक डाउन के लागू रहने तक किसी तरह की भी हरकत परेशानी का कारण बन सकती है, सोशल डिस्टेंशिंग जितना ज्यादा से ज्यादा हो सकता है, उसका पालन करना आवश्यक है, धारा 144 का उल्लघंन अपराध की श्रेणी में आता है। इन सबके बावजूद राजधानी में शुक्रवार को जिस तरह की हलचल हो रही है, किसी भी मायने में उचित नहीं प्रतीत होता है।
प्रदेश और देश हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है, इसमें प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता जरूरी है, इस बात का ख्याल रखना होगा, तब कहीं जाकर इस महामारी से पूरी तरह निजात पाया जा सकता है।