रायपुर। राज्यभर के मदिरा प्रेमियों को 8 अप्रैल का इंतजार है, ताकि शराब की दुकानों पर लगी सील टूटें और वे 23 मार्च से लगी बंदिश के बाद छककर शराब पीकर अपना गला तर कर सकें। लेकिन आबकारी मंत्री ने इस बात के संकेत दिए हैं, कि 7 अप्रैल तक शराब दुकानों पर लगी बंदिश को आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन हालात को ध्यान में रखकर यदि इस तरह का निर्णय लिया जाता है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या यदि नियंत्रित है और जितने भी प्रभावित हुए, उनमें से 90 फीसदी यदि स्वस्थ हो पाए हैं, तो इसके पीछे एकमात्र वजह संयम साबित हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश को जिस तरह से नियंत्रित किया, केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुपालन में उन्होंने जैसी तत्परता दिखाई और दूरदर्शिता का निर्णय लिया, उसकी वजह से प्रदेश में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में रहा। गिनती के दस लोग कोरोना से प्रभावित हुए, उनमें से 8 लोग विदेश प्रवास से लौटे थे, एक तब्लीगी जमात का हिस्सा बना था और केवल एक अनायास ही प्रभावित हो गया था। लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि अब कोरोना पाॅजिटिव कहने के लिए केवल एक शख्स ही अस्पताल में दाखिल है, शेष अपने घरों पर हैं।
यदि शराब दुकानों को खोल दिया जाता है, तो छग में मुश्किलात बढ़ सकते हैं। वजह, प्रदेश में बड़ी संख्या में संदिग्ध हैं, जिनका सैंपल जांच में लिया गया है, कुछ लोगों का लिया जाना है। वहीं बड़ी तादाद में लोगों को संदेह के चलते आईसोलेशन में रखा गया है। लिहाजा इन बातों को ध्यान में रखकर विचार किया जा रहा है कि शराब दुकानों में जारी बंदिश की मियाद बढ़ाई जाए।