पखांजूर । भूपेश सरकार ने पूरे राज्य में हितग्राहियों के लिए खुले मन से दो माह के राशन के वितरण का आदेश दिया है। सरकारी राशन की दुकानों पर निर्धारित कार्ड के मुताबिक राशन सामाग्री वितरण का निर्णय लिया है, लेकिन प्रदेश के कई हिस्सों में सरकारी राशन की दुकानों में मुनाफाखोरी का गोरखधंधा शुरू हो गया है। इसका ताजा-तरीन उदाहरण पखांजूर स्थित सेवा सहकारी राशन की दुकान में देखने को मिला, जहां पर गरीबों से अवैध वसूली की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने लाॅकडाउन को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया है कि प्रदेश से सभी हितग्राहियों को, यहां तक की जिनके पास राशन कार्ड तक नहीं है, उन्हें भी दो माह का राशन निर्धारित कीमतों पर दिया जाना है। सरकार ने जितनी उदारता का परिचय दिया है, सरकारी राशन की दुकानों पर बैठे लोग उतना ही इस आदेश का नाजायज फायदा उठाने में जुट गए हैं। पखांजूर में ग्रेंड न्यूज के संवाददाता ने सरकारी राशन दुकान में बैठे लोगों की इस वसूली को अपने कैमरे में कैद किया है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार के आदेशों का और गरीबों का किस तरह से मजाक उड़ाया जा रहा है।
भूपेश सरकार ने शक्कर की सरकारी कीमत 17 रुपए प्रति किलो तय की है, लेकिन प्रत्येक हितग्राही से 20 रुपए वूसल किया जा रहा है। जब इस तीन रुपए के बारे में किसी के द्वारा पूछा जाता है, तो चिल्हर नहीं होने की बात कहते हुए मामले को टाल दिया जाता है, जबकि प्रत्येक हितग्राही से 3 रुपए अतिरिक्त वसूली प्रति किलो के आधार पर निरंतर जारी है। इसी तरह राशन की अन्य सामाग्रियों में भी किया जा रहा है, जिस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।