मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थानों में छत्तीसगढ़ के अध्ययन छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए भेजी गई बसे कोटा पहुंच चुकी है। कोटा में चिकित्सकों और अधिकारियों की टीम द्वारा इन बच्चों की स्क्रीनिंग कर वापसी के लिए बसों में बैठाया जा रहा है।
छात्र-छात्राओं ने महामारी के इस संकट में छत्तीसगढ़ घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और इस व्यवस्था में शामिल पुलिस, चिकित्सा, परिवहन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ सभी बस चालक और परिचालको का आभार व्यक्त किया है। छात्र-छात्रओं ने कहा है कि उनकी घर वापसी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने जो व्यवस्था की है वह सराहनीय है। इन छात्र-छात्राओं ने बसों के पहुचने तथा चिकित्सा टीम और पुलिस के जवानों का “छत्तीसगढिया सबले बढ़िया” हर्ष ध्वनि कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ के बच्चों की घर वापसी के लिए की गई पहल से छात्र-छात्राओं की मायूसी दूर हो गई है। भयंकर महामारी के इस संकट में दूर प्रदेश में अपने राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों को अपने बीच पाक छात्रों के चहरों पर खुशी लौट आयी है।
छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लाने के लिए भेजी गई चिकित्सा टीम ने फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों की चिकित्सीय जांच की और संभाग वार तय की गई बसों में उन्हें लाने के लिए बैठने की व्यवस्था की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर 24 अप्रैल की शाम राजधानी रायपुर से राजस्थान के कोटा में लाॅकडाउन के दौरान फंसे छात्र-छात्राओं को लाने कुल 97 बसों को रवाना किया गया। इसमें 95 बस छात्रों को लाने के लिए तथा 2 बसों में डाॅक्टर और चिकित्सा दल के सदस्य गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छात्र-छात्राओं के लिए भोजन सहित आवश्यक व्यवस्थाओं का भी ध्यान ने और छात्रों को रास्ते में किसी तरह की परेशानी न हो। राजस्थान के कोटा से छत्तीसगढ पहुंचने पर इन बच्चों को क्वारेंटाईन पर रखा जाएगा। उन्हें सीधे घर जाने की अनुमति नही होगी।
कोटा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए बस्तर संभाग के लिए 06, सरगुजा संभाग के लिए 24, रायपुर संभाग के लिए 16, दुर्ग संभाग के लिए 14, बिलासपुर संभाग के लिए 28 बसों की व्यवस्था की गई है।