रायपुर। राजस्थान कोटा से छात्र-छात्राओं की बसें छग पहुंच चुकी हैं। तीन बसें रायपुर पहुंच चुकी हैं। इनमें सवार छात्र-छात्राओं को प्रयास एकाडमी सड्डू में रखा गया है। वहीं खबर यह है कि बाकी बसों को कवर्धा के बोड़ला में रोका गया है। प्रशासन ने पहले ही यह तय कर दिया था कि ऐहतियात के तौर पर इन छात्र-छात्राओं को 14 दिनों तक क्चारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, सीधे उन्हें घर नहीं जाने दिया जाएगा।
कोटा से छात्र-छा़त्राओं के लौटने को लेकर परिजनों का कहना है कि यह उनके लिए राहत की खबर है, लेकिन परिजन अपने बच्चों से मिलने की जिद कर रहे हैं। किन्तु संक्रमण के खतरे को देखते हुए किसी भी बच्चे को उनके परिजनों से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बता दें कि कोटा से कुल 82 बसों में कोटा से बच्चों को लाया गया है। सरकार के इस बड़े और संवेदनशील को लेकर काफी सराहना हो रही है।
कुछ बच्चों ने इस बात की शिकायत की है कि उन्हें खाने-पीने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा है, हालांकि सरकार ने इनके खाने-पीने जैसी तमाम व्यवस्थाओं के साथ ही बसों को भेजा था। इसके अलावा डाॅक्टरों की बड़ी टीम और प्रशासनिक अधिकारियों का अमला इन बच्चों को सुरक्षित लाने के लिए कोटा गया था, जिन्होंने इस बड़े टाॅस्क को पूरा भी किया है।
सही मायने में भूपेश सरकार ने प्रदेश के इन बच्चों के लिए जो कदम उठाए हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही है। ऐसी संवेदनशीलता, जबकि पूरे देश में संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। खासतौर पर राजस्थान, जहां हर पल कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, ऐसे में वहां फंसे बच्चों को लाने का साहस सरकार ने दिखाया है, वास्तव में प्रशंसनीय है।