बिलासपुर। बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में उपचार के दौरान एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई। इसी के साथ शहर में कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत की खबर फैल गई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने साफ-साफ कहा है कि मृतक किसी भी तरह से कोरोना पॉजिटिव नहीं था। मजदूर की मौत मल्टी ऑर्गन फैलियर की वजह से ही हुई है। सिम्स का यह भी दावा है कि उपचार के दौरान संदिग्ध मरीज का सैंपल जांच में लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
झारखंड के रहने वाले तकरीबन आठ मजदूरों को 4 मई के दिन सिम्स अस्पताल में लाया गया था। जिनकी माइग्रेशन के दौरान सामान्य कोरोना जांच की गई थी। जिसमें सभी मजदूर नेगेटिव पाए गए थे। इनमें से एक मजदूर रवि मंडल की स्थिति थोड़ी गंभीर थी। लिहाजा प्रशासन ने इसे सिम्स अस्पताल में भर्ती करा दिया था। 6 मई को इस मजदूर रवि मंडल की मौत हो गई और इसी के साथ कोरोना संदिग्ध की मौत की खबर फैलने लगी। अस्पताल प्रबंधन ने मजदूर के कोरोना पीड़ित होने से इनकार किया है। डॉ आरती पाण्डेय से मिली जानकारी के अनुसार 4 मई को ही इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लेकिन मृतक रवि मंडल की स्थिति गंभीर होने की वजह से उनके ब्लड सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं थे। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस तरह की कोई बात आती है, तो इसे छिपाया नहीं जाएगा, बल्कि सार्वजनिक किया जाएगा, क्योंकि भारत सरकार से इस संबंध में स्पष्ट आदेश हैं। बहरहाल मृतक मजदूर के शव को सिम्स अस्पताल में रखा गया है, और उसे उसके गृहग्राम तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।