रायपुर। छग में अचानक नमक नहीं होने की खबर ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। नमक की कमी के चलते प्रदेश के बाजारों में अचानक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके साथ ही नमक की कालाबाजारी भी शुरू हो गई। महज 20 रुपए पैकेट का नमक की कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई। इसके बावजूद लोग धड़ल्ले से खरीदते रहे।
आज सरकार ने नमक की कालाबाजारी और उपलब्धता को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में नमक की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त स्टाॅक उपलब्ध है। यह महज फैलाया गया अफवाह है, जिस पर ध्यान नहीं देने की अपील की जा रही है। शासन ने अधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी है कि प्रदेश में नमक की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है, दो दुकान संचालकों के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया गया है।
राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और इसके बचाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनेक प्रभावी कदम उठाए जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 56 लाख 56 हजार राशनकार्डधारी परिवारों को शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से निःशुल्क नमक प्रदान किया जा रहा है। लॉकडाउन की परिस्थितियों में प्रदेश में खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति के साथ-साथ इनके बाजार मूल्योें की भी प्राईस मॉनिटरिंग सेल के माध्यम से सतत् निगरानी की जा रही है। खाद्य विभाग ने लोगों से यह स्पष्ट किया है कि प्रदेश में नमक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नही दें।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य में नमक और अन्य सभी आवश्यक खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में एवं समुचित दरों पर खुले बाजार में आम उपभोक्ताओं के लिए सहज रूप से उपलब्ध है। राज्य के खुले बाजार में प्रतिमाह लगभग 8 से 10 हजार टन के नमक की आवक होती है। लॉकडाउन के दौरान भी खुले बाजार में नमक की आवक निरंतर हो रही है वहीं इसकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ाई से कार्रवाई भी की जा रही है।
राज्य शासन के नापतौल विभाग द्वारा 11 मई को राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और अम्बिकापुर जिले की 276 संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। नापतौल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग के दो संस्थानों में नमक के पैकेट में उल्लेखित मूल्य के अधिक कीमत पर नमक बेचने वाले दो संस्थानों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया।