कोलकाता। पूर्व राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैंपियन मनमीत सिंह वालिया का कनाडा के मांट्रियल में सोमवार को निधन हो गया। वह 58 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्रियां हैं। मनमीत पिछले दो वर्षों से बीमार थे। मनमीत 80 के दशक के स्टार खिलाड़ी थे। उन्होंने 1989 में हैदराबाद में एस श्रीराम को हराकर पुरुष एकल राष्ट्रीय खिताब जीता था।
उन्होंने आठ बार के राष्ट्रीय चैंपियन कमलेश मेहता के साथ 1980 में कोलकाता में एशियाई चैंपियनशिप में अपना पदार्पण किया था। भारतीय टीम उत्तर कोरिया से 4-5 से हारी थी और मनमीत ने अपने दो मुकाबले जीते थे। मनमीत उस समय मात्र 18 साल के थे। मनमीत 1981 से लगातार चार नेशनल के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन खिताब नहीं जीत पाए थे।
उन्होंने 1989 में यह गतिरोध तोड़ा था। मनमीत खेल से संन्यास लेने के बाद कनाडा गए और वहीं बस गए। कमलेश ने मनमीत को अपने समय का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बताया। उन्होंने 1980 की एशियाई चैंपियनशिप में मनमीत के प्रदर्शन को शानदार बताया। भारत चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रहा था। भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) के महासचिव एमपी सिंह ने मनमीत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन पूरे टेबल टेनिस समुदाय के लिए शोक का समय है। टीटीएफआई के पूर्व महासचिव धनराज चौधरी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि टेबल टेनिस ने एक अच्छा खिलाड़ी और बेहतरीन इंसान खो दिया है।