रायपुर। इंद्रमणि ग्रुप के खिलाफ जारी जीएसटी जांच में कई बड़े खुलासे होना बाकी है। दस्तावेजी परीक्षण का काम जारी है, इस बीच एक चैंकाने वाली हकीकत सामने आई है। इंद्रमणि गु्रप के मालिक सुनील अग्रवाल ने एमजीएम ट्रस्ट में 25 लाख रुपए जमा कराया था। यह वही एमजीएम ट्रस्ट है, जिसका सीधा संबंध निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता से है।
छत्तीसगढ़ में काले कारनामों को अंजाम देने के लिए आमतौर पर लोगों के लिए यह सीधा रास्ता था। एमजीएम ट्रस्ट में जो जितनी मोटी रकम डालता था, उसे भ्रष्टाचार करने की उतनी ज्यादा आजादी मिल जाया करती थी। इंद्रमणि गु्रप के संचालक सुनील अग्रवाल ने भी इस रास्ते को अख्तियार किया और धड़ल्ले से काला सोना की अफरा-तफरी शुरू कर दी। जीएसटी की जारी जांच में इस बड़े मामले का खुलासा हुआ है।
जीएसटी चोरी के मामले की चल रही जांच के दौरान मुकेश गुप्ता से जुड़े एमजीएम आई हॉस्पिटल में लेनदेन का ब्यौरा मिला है। जांच में जुटे आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इंद्रमणि ग्रुप के मालिक सुनील अग्रवाल ने एमजीएम हॉस्पिटल को 25 लाख रुपये दिए थे। यह राशि एमजीएम हॉस्पिटल के एसबीआई खाता क्रमांक 10167175535 में डाली गई थी। यह वही हॉस्पिटल है, जो ईओडब्ल्यू जांच के घेरे में है।
गरीबों का निःशुल्क इलाज किये जाने के राज्य शासन से वित्तीय अनुदान लेकर बैंक का कर्ज पटाये जाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने मुख्य ट्रस्टी, डायरेक्टर समेत मुकेश गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि पिछली सरकार में इंद्रमणि ग्रुप के मालिक सुनील अग्रवाल को विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी का भी संरक्षण प्राप्त था। कहा जाता है कि उस दौरान टैक्स से जुड़े मामले में बड़ा घालमेल किया गया, लेकिन अधिकारी की मदद से कभी जांच की आंच ग्रुप तक नहीं पहुंची। शासन के आला अधिकारी यह भी बताते हैं कि सुनील अग्रवाल के संबंध एक निलंबित आईपीएस अधिकारी से भी बेहद गहरे रहे हैं। यही वजह है कि पिछली सरकार में उनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब एमजीएम आई हॉस्पिटल में फण्ड ट्रांसफर से ये स्पष्ट हो गया है कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ही हैं।
इंद्रमणि ग्रुप के ठिकानों में पिछले दिनों जीएसटी के छापे के बाद बरामद किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ रही है।