रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के बच्चों की शिक्षा के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब तक शिक्षा को लेकर पूर्ववर्ती सरकार लगातार कटघरे में थी, लेकिन स्तर सुधारने की दिशा में कभी ध्यान नहीं दिया। प्रदेश विभाजन के 20 साल बाद वर्तमान भूपेश सरकार ने लंबे अरसे से चली आ रही मांग पर ना केवल ध्यान दिया, बल्कि उसे अंजाम तक पहुंचाने का फैसला ले लिया।
आज कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रियों ने इस बड़े मामले पर सहमति देते हुए प्रदेश में 40 उत्कृष्ट स्कूलों के खोले जाने पर मुहर लगा दी है। खास बात यह है कि इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।
इन स्कूलों के संचालित होने पर निजी स्कूलों की मनमानी पर भी विराम लगेगा। पालकों की हमेशा से शिकायत रही है कि निजी स्कूल मनमाना फीस वसूल करते हैं, जिस पर सरकार ध्यान नहीं देती। यह भी कहा जाता रहा कि यदि सरकार अपने स्तर पर इस तरह के स्कूलों का संचालन शुरू करें, तो गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को राहत मिल पाएगी।
भूपेश सरकार ने इन तमाम बातों को धैर्य से सुना और उस पर गंभीरता से निर्णय लिया। अब इन स्कूलों के खुलने से बड़ी संख्या में पालकों को राहत मिलेगी, साथ ही प्रदेश के बच्चों का बेहतर भविष्य निर्माण हो पाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर काफी ध्यान दिया जाता है, जिसकी वजह से वहां की शिक्षा को लेकर कभी सवाल नहीं उठते और ना ही गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को बार-बार सरकार से शिकायत करनी पड़ती है। अब प्रदेश में भी इस तरह का माहौल बन पाने की पूरी उम्मीद की जा सकती है।