जम्मू, ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर को लेकर अब कोई भी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत आवेदन जमा कर सूचना हासिल कर सकता है। पहले यह अधिकार जम्मू कश्मीर के मूल नागरिकों व डोमिसाइल को ही हासिल था। केंद्रीय सूचना आयोग में जम्मू कश्मीर व लद्दाख के आरटीआइ मामलों की सुनवाई 15 मई से शुरू होगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र ने बताया कि अगस्त 2019 से पहले जम्मू कश्मीर का अपना सूचना अधिकार कानून था। अब देश का कोई भी नागरिक किसी भी कोने से आरटीआइ आवेदन दायर कर जम्मू कश्मीर के बारे में कोई भी सूचना हासिल कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर व लद्दाख से आरटीआइ दायर करने से लेकर जवाब आने तक किसी को भी घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है।
बताया जा रहा है कि डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के ऑनलाइन पोर्टल पर जम्मू – काशमीर के संबधित अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जा रही है। इस अहम फैसले के बारे में मुख्य सूचना आयुक्त बिमल जुल्का ने वीरवार को दिल्ली में डॉ. जितेंद्र के साथ बैठक कर जानकारी दी। वहीं, फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में आरटीआइ के लंबित पड़े मामले एक सप्ताह के अंदर ट्रांसफर करने के मुद्दे पर उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने मुख्य सूचना आयुक्त के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग भी की।
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के आरटीआइ संबंधी मामलों की जिम्मेदारी वरिष्ठ सूचना आयुक्त डीपी सिन्हा को सौंपी गई है। वरिष्ठ सूचना आयुक्त डीपी सिन्हा व मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम ने भी हिस्सा लिया। इसमें तय हुआ कि सुनवाई शुरू होने पर नेशनल इन्फारमेटिक्स सेंटर जम्मू कश्मीर में मुख्य सूचना आयोग की कार्रवाई की आडियो, वीडियो सुनिश्चित करेगी। इसके लिए याचिकाकर्ता अपने जिलों में नेशनल इन्फारमेटिक्स सेंटरों में जा सकते हैं।