रीवा। केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। ऐसे में राज्य सरकारें अपने-अपने बॉर्डर पर अस्थाई शेल्टर होम बनाकर मजदूरों को रोक रही हैं। लेकिन ऐसे में मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती बन गया है. एमपी-यूपी बॉर्डर पर भूख से बेहाल मजदूरों ने प्रदर्शन किया। तो पुलिस ने भूखे और बेबस मजदूरों पर लाठीचार्ज किया.
यह घटना रीवा के एमपी-यूपी बॉर्डर पर हुई है, जहां अलग-अलग राज्यों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर के ट्रक सहित अन्य माध्यमों से उत्तरप्रदेश व अन्य प्रदेशों से भूखे-प्यासे हजारों प्रवासी मजदूरों को चाकघाट के एमपी-यूपी बार्डर पर रोका गया था लेकिन प्रशासन ने इन मजदूरों के लिए भोजन, पानी व अन्य कोई भी व्यवस्था मुहैया नहीं कराई थी।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद मध्य प्रदेश के रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर पुलिस ने पलायन कर रहे मजदूरों को रोकना शुरु किया. देखते ही देखते यहां हजारों की भीड़ जमा हो गई. इतनी भीड़ के लिए प्रशासन भी तैयार नहीं था. ऐसे में खाने की मांग करते हुए मजदूरों ने नारेबाजी शुरू कर दी. हालात को संभालने के लिए एसपी आबिद खान भी मौके पर पहुंचे लेकिन ये भी मजदूरों को कोरे वादों की खुराक देकर निकल गए.
लेकिन जब रात 11 बजे तक भी मजदूरों को खाना नहीं मिला तो मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया. हाइवे जाम कर दी गई. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी संख्या पर पुलिस बुला ली गई और फिर पुलिस ने भूखे मजदूरों पर लाठीचार्ज किया.