रायपुर। एक तरफ देशभर में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है, संक्रमित लोगों का आंकड़ा एक लाख पहुंचने के लिए आतुर है, इसी बीच एक नई मुसीबत के तौर पर ’अम्फान’ कोहराम मचाने के लिए तैयार हो चुका है। बीते तीन दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तूफान के आने के संकेत मिल रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक अधिकतम 20 घंटों के भीतर यह तूफान अपनी विकरालता का असर दिखाने वाला है। आशंकाओं के चलते ओड़िशा, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडू के समुद्री तटीय क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने कोशिशें जारी हैं। बताया जा रहा है कि इस तूफान का असर पूरे देशभर में देखने को मिलेगा।
खबर के मुताबिक चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ बंगाल की खाड़ी में एक तीव्र और भयंकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है। मौसम विभाग ने इस बात की संभावना जताई है कि अगले 20 घंटों में यह अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बन सकता है। इसके कारण क्षेत्र में भीषण और अत्यंत भीषण बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं तथा समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, गंजम, जगतसिंहपुर, गजपति, नयागढ़, कटक, केंद्रपाड़ा, खुर्दा और पुरी के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इधर, तमिलनाडु में भी अम्फान का खतरा बढ़ गया है। रविवार को चली तेज हवाओं के कारण सैकड़ों पेड़ गिर गए और काफी नुकसान भी हुआ। कोयंबटूर समेत कई जिलों में पेड़ों के गिरने की खबरें हैं।
इस चक्रवाती तूफान से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश भी प्रभावित होगा, इसके संकेत दिए जा रहे हैं। चूंकि छग ओड़िशा समुद्रीय सीमा की जद में आता है, इस वजह से बस्तर, सरगुजा से लेकर रायपुर तक इसका असर दिखेगा। वहीं बंगाल की खाड़ी से प्रदेश का सूरजपुर, बलरामपुर और अंबिकापुर नजदीक है, लिहाजा बिलासपुर तक इसका असर नजर आएगा। कुल मिलाकर इस अम्फान तूफान से छग का लगभग हिस्सा प्रभावित होगा।