देश में कोरोना ने दस्तक क्या दी, पूरा का पूरा देश एकदम से सन्नाटे में तब्दील हो गया। दो माह से घर पर ही लोगों के दिन कट रहे हैं। कोरोना के खौफ की वजह से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती, तो इस पर लाॅक डाउन की मजबूरियां शामिल हो गईं। घर की बेटियां, घरों में कैद हो गई है। सजना-संवरना तो जैसे बीते जमाने की बात हो गई है। ना तो पार्लर खुल रहे हैं, ना ही घुमने-फिरने के लिए माॅल और थियेटर जाने की परमिशन मिल रही है। बस समय निकालने के लिए कुछ बच गया है तो घर के काम काज, जिसमें चूल्हा फूंकना, झाडू-पोछा करना ही बच गया है।
ऐसे में देश के अलग अलग शहरों में बैठी ये एक ही परिवार की बेटियां कैसे अपनी व्यथा जाहिर कर रही हैं, आइए जरा इसका लुत्फ उठाते हैं-