गरियाबंद .छत्तीसगढ़ राज्य के मुखिया भूपेश बघेल के द्वारा सत्ता में आते ही समाज के हर वर्ग हर समाज के लोगो के आर्थिक उन्नति के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है खास कर महिलाओ के लिए उनके द्वारा बिहान योजना चलाया जा रहा जिसमे जुड़ते हुए महिलाए अपना आर्थिक को सृदृढ़ बना रही है ।इसी के तहत कक्षा 12 वी तक पढ़ी बिहान की सक्रिय सदस्य प्रमिला देवांगन ससुराल आई और बिहान से जुड़ने के साथ देखते ही देखते वह अपने क्लस्टर के लिए मिसाल बन गयी । वह बताती है कि मै ग्राम सारागांव छुरा ब्लाक जिला गरियाबंद की रहने वाली हूँ । मेरा समूह मां सरस्वती महिला स्व सहायता समूह है। और मै एसवीईपी परियोजना अर्थात शासन की ग्रामीण उद्यमी कार्यक्रम अंतर्गत सीआरपीईपी का कार्य कर रही हूँ । उन्होने बताया कि सबसे पहले ऋण देने की शुरुआत अपने घर से ही किया। स्वयं अपने पति को 30 हजार सीईएफ ऋण राशि दे कर सिलाई दुकान उद्यम चालू करवाया । मेरा सोचना था कि जब मैं खुद कुछ करके दिखाउंगी तभी दूसरे सदस्य मेरा अनुसरण कर सकेंगे। इसलिए मैं अपने पति के साथ लगातार सिलाई में सहयोग देती रही।
साथ साथ कुछ और करने की सोची और अपने समूह को आंगनबाड़ी के लिए रेडी टू ईट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया । इसके लिए भी एसवीईपी के माध्यम से हमने 2 लाख की सीआईएफ राशि ऋण लेकर फरवरी 2020 से यह कार्य प्रारंभ किया। जिसमे हमारे समूह की दीदियाँ स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए मास्क, ग्लब्स और रूमाल लगा कर काम करने लगी। वे बताती है कि इस कार्य से एक माह में ही 20 आंगनबाड़ी में 13.51 क्विंटल मात्रा में रेडी टू ईट कि पूर्ति की गयी , जिससे 68 हजार रू का आय प्राप्त हुआ है ।
लेकिन वर्तमान में कोरोना बीमारी के कारण प्रदेश में लॉक डाउन होने से समूह की दीदीयो का मानोबल टूट गया था ,जिसके लिए मैं स्वयं सभी दीदीयो के घर-घर जा कर पुनः सुरक्षा और सावधानी के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया ।इसके बाद रेडी टू ईट बनाने का काम फिर से चल पड़ा, इस कार्य से शासन द्वारा जारी covid-19 से बचाव के सभी उपायों जैसे समाजिक दूरी, मास्क, सेनेटाईजर, का उपयोग कर कडाई से पालन किया गया । हम लोग कच्चे माल की पूर्ति सीवाईपी के उद्यमी
(दुकानदार ) से क्रय किये और 20 आगनबाड़ी में 17.61 क्विंटल मात्रा में रेडी टू ईट की पूर्ति की फलस्वरूप 69 हजार रूपये आय हुआ जिससे हमारे समूह की दीदीयो की आर्थिक स्थिति
मजबुत हुई ।
हमारे कार्य और लगन को देखकर एसवीईपी के कपड़ा उद्यमी द्वारा 500 नग मास्क बनाने का आर्डर मिला। फिर मुख्यकार्यापालन अधिकारी जनपंद पचायत छुरा के मार्गदर्शन में 10 हजार मास्क बनाने का आर्डर मिला जिसे गरियाबंद और छुरा ब्लाक में वितरित करना था । जिसके लिए प्राप्त आर्डर को आपसी सहमति के आधार पर मैने स्वयं और ग्राम संगठन के दीदीयो के बीच आपस में बाट दिया । सभी दीदीयो ने सफलता पूर्वक कार्य को पूर्ण किया एवं जनपद सीईओ को मास्क सौपा गया । मास्क बनाने में मेरे घर की आर्थिक स्थिति मजबूत तो हुआ, साथ ही समूह की दीदीयो को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ । अपनी आर्थिक उन्नति के साथ सामाजिक दायित्वों का पालन भी कर पाए । कोरोना बीमारी के बचाव एवं रोकथाम के लिए हम लोग अपनी भूमिका भी तय कर पाए।