बीजापुर . 15 सालों से नक्सली नेता रहे गोपी मोडियम की प्रेम कहानी मिशल पेश करती है गोपी ने अपने प्रेम के खातिर नक्सलवाद के रस्ते से अलग होकर पुलिस को आत्मसमर्पण किया है . महिला नक्सली से प्यार के चलते गोपी ने हिंसा के रस्ते को त्याग कर पुलिस को सरेंडर किया है . इस माओवादी ने पुलिस के साथ आकर विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया है।
गोपी मोडियम उर्फ मंगल ने महिला माओवादी डिप्टी कमांडर भारती उर्फ रामे के प्यार की खातिर उसने माओवादी संगठन को छोड़कर पुलिस के समक्ष रविवार को समर्पण कर दिया है हालांकि आत्मा समर्पित नक्सली नेता और उसकी प्रेमिका इस समय बीजापुर नही बल्कि रायपुर पुलिस के कब्जे में है। जिसे पूछताछ के लिए रायपुर ले जाया गया है।
गोपी 15 सालों से गंगालूर एरिया कमेटी में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए नक्सली संगठन में सक्रिय रहा है इस दौरान उसे प्रेम प्रसंग के चलते ही कई बार संगठन से निष्कासित भी किया जा चुका था। माओवादियों और संगठन के साथ रहने के चलते उनकी यह सकारात्मक मंशा पूरी नहीं हो पा रही थी।
इसी बीच उनका नक्सली महिला कमांडर भारती के रिश्तेदार से संपर्क हुआ और दोनों ने उनसे आत्मसमर्पण करने की इच्छा जाहिर की काफी दिनों की मशक्कत के बाद रविवार को दोनों ने अपने विश्वसनीय साथी को गंगालूर मार्ग पर बुलाकर उनके साथ बीजापुर आ गए जहां से पूछताछ के लिए उन्हें पुलिस रायपुर ले गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समर्पण करने से पहले माओवादी नेता गोपी मोडियम ने संगठन के नाम पीडिया गांव में एक पत्र छोड़ा था जिसमें उसने संगठन छोड़ कर जाने की इच्छा जाहिर की थी बताया जा रहा है कि वह पत्र कुख्यात नक्सली कमांडर पापा राव के हाथ लग गई जिसके बाद आत्मसमर्पण करने के लिए निकले गोपी और भारती की तलाश शुरू की गई परंतु तब तक वह पुलिस के हाथ लग चुका था बताया जाता है।
कि अपनी प्रेमिका के साथ आत्मसमर्पण करने पहुंचा नक्सली कमांडर पिछले 6 सालों से संगठन के लिए लेवी वसूली का भी काम किया करता था और इसने बहुत कम समय में ही संगठन के बड़े पदों पर काबिज होकर कई बड़ी वारदातों को भी अंजाम दिया था इसके पहले भी गोपी के आत्मसमर्पण करने की कई सूचनाएं प्राप्त हुई थी परंतु वह अफवाह साबित हुई इसके बाद अंततः उसने अपनी प्रेमिका के साथ सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया वर्तमान में आत्मा समर्पित नक्सली नेता और उसकी प्रेमिका रायपुर पुलिस के कब्जे में है।
जहां उनसे पूछताछ की जाएगी इस मामले में बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप का कहना है कि नक्सली नेता गोपी और उसकी प्रेमिका ने आत्मसमर्पण किया है परंतु वह बीजापुर में नहीं है क्योंकि उसके आत्मसमर्पण में रायपुर और सुकमा पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसीलिए उसे रायपुर ले जाया गया है परंतु बहुत जल्द ही उसे बीजापुर लाया जाएगा।
बता दें कि आत्म समर्पित नक्सली गोपी मूलतः बीजापुर जिले के चेरकंटी गांव का रहने वाला है और यह सलवा जुडूम के दौर में माओवादियों के साथ जाकर संगठन में शामिल हुआ था जो अब समर्पण कर विकास की मुख्यधारा से जुड़कर काम करने के लिए प्रेमिका के साथ पुलिस के पास पहुंच चुका है।