बिलासपुर.छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह की याचिका को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है . अमन सिंह ने राज्य शासन द्वारा जारी एसआईटी जांच के खिलाफ याचिका दायर कर जांच पड़ताल को रोकने की मांग की थी। जस्टिस पी सैम कोशी ने सुनवाई करते हुए याचिका ख़ारिज कर दी। जस्टिस कोशी ने कहा कि राज्य शासन को यह अधिकार है की किसी जांच में संतुष्टि नहीं मिलने पर दुबारा जांच कराई जा सकती है।
गौरतलब है कि पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह ने एसआईटी जांच के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले पर पूर्व में जांच की जा चुकी है, आरोप निराधार निकले थे। ऐसे में दोबारा जांच के लिए एसआईटी का गठन अनुचित हैं। दिल्ली में रहने वाली विजया मिश्रा ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ पीएमओ में शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था आरईएस से वीआरएस लेने के बाद सिंह को छत्तीसगढ़ में संविदा पर नियुक्ति दी गई थी, इस दौरान उन्होंने अपने खिलाफ पूर्व में दर्ज प्रकरण की जानकारी छिपाई थी, जबकि 2001-02 में बैंगलुरू में पदस्थ रहने के दौरान उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच की गई थी। सिंह के खिलाफ चार्जशीट भी प्रस्तुत किया गया था। विजया पीएमओ ने इसे छत्तीसगढ़ सरकार को भेज दिया था। पीएमओ से मिले पत्र के आधार पर राज्य सरकार ने जांच के एसआईटी का गठन किया है। मामले पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान अमन सिंह की तरफ से पैरवी करते हुए पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह और पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने कहा कि पूर्व में जांच हो चुकी है, जिसमें आरोपों को निराधार पाया गया था। ऐसे में एसआईटी का गठन अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कॉमन कॉस विरुद्ध केंद्र शासन के मामले में दिए फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि मामले पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था ।