रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में आवासीय कालोनियों के विकास की प्रक्रिया को सरलीकरण करने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आवासीय कॉलोनी के अनुमोदन की प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे सुगम बनाने के लिए एकल खिड़की प्रणाली ‘सी.जी. आवास‘ विकसित किया गया है। एकल खिड़की प्रणाली से अब समस्त अनुमति 100 दिवस के अंदर पूर्ण कर ली जाएगी। कॉलोनाईजर-आवेदक द्वारा अपने स्वामित्व की भूमि की चर्तुसीमा के अंतर्गत खसरे को एकीकृत कर प्रस्तुत नहीं किये जाने पर खसरा एकीकरण हेतु 40 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत् आवेदक को अब बार-बार किसी भी दफ्तर में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
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पहले आवासीय कॉलोनी के विकास की अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए जहां डेढ़ से दो साल का समय लग जाता था, वहीं अब इसकी समय-सीमा तय कर दी गई है और आवेदकों को 100 दिन के भीतर विकास अनुज्ञप्ति मिल जाएगी। इसके तहत भू-व्यपवर्तन प्रमाण पत्र, अनुमोदित अभिन्यास, कॉलोनी विकास की अनुमति की स्वीकृति सभी एकल खिड़की के माध्यम से प्राप्त होगी। आवेदक को पोर्टल पर एवं एस.एम.एस. के माध्यम से आवेदन की स्थिति की जानकारी समय-समय पर प्राप्त होती रहेगी। इस प्रणाली से जहां प्रक्रिया की पुनर्रावृत्ति नहीं होगी वहीं अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और नयी तकनीक से लागों के समय में बचत होगी।
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सी.जी.आवास के तहत अब 21 मई 2020 से इस प्रक्रिया से जुड़े सभी संबंधित विभाग अपने कार्यालय में आवासीय कॉलोनी की अनुज्ञा से संबंधित कोई भी आवेदन नहीं लेंगे। इन विभागों में अब सी.जी. आवास के माध्यम से ही आवेदन जमा कराया जाना है। इसके तहत अब कॉलोनी के विकास के लिए आवेदन छत्तीसगढ़ के किसी भी स्थान से सर्विस प्लस पोर्टल के माध्यम से सी.जी. आवास द्वारा किया जा सकेगा।