लखनऊ। कानपुर के रहने वाले अनिल और नीलम के लिए कोरोना वायरस 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ देने का गवाह बन गया है। साथ ही यादगार भी। खाना बांट रहे अनिल को भीख मांग रही लड़की नीलम से प्यार होगया। फिर दोनो शादी के पवित्र बंधन में बंध गए।
मोहब्बत की ये दास्तान कैसे शुरू हुई और किस तरह रिश्ते में बदली, यह भी अपने आप एक दिलचस्प घटनाक्रम है। फिलहाल कानपुर में हुई यह शादी सोशल मीडिया पर चर्चा में है और इस विवाह का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। यह कहानी है कानपुर की बेटी नीलम की जो कि अपने भाई और भाभी के सहारे थे क्योंकि मां-पिता अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन भाई और भाभी ने मारपीट कर इसे बाहर निकाल दिय और पलट कर खोज खबर भी नहीं ली। वह मजबूर बेसहारा लड़की नीर-छीर चौराहे के पास काकादेव इलाके में भिखारीयों के साथ रहने खाने को मजबूर हो गई।
लॉकडाऊन के शुरू होने के बाद से उसे दो वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही थी। कानपुर के रहने वाले लालता प्रसाद की भेंट नीलम से हुई उन्होंने अपने ड्राइवर अनिल से कहा कि वह रोज नीलम को खाना पहुंचा दिया करे। साथ ही वहां मौजूद अन्य जरूरतमदों को भी खाना दे। करीब 45 दिन तक अनिल, नीलम सहित वहां दूसरे भिखारियों को को खाना पहुंचाता रहा और इस बीच दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया।
यह बात धीरे-धीरे अनिल के पिता को पता चली, फिर उन्होंने नीलम की मर्जी जाननी चाही, नीलम की हामी भरने के पश्चात सबके सहयोग से अनिल और नीलम के विवाह की रस्मे संपन्न करवाई गईं। और दोनों 7 जन्मो के लिए इस पवित्र बंधन में बंध गए।