रायपुर। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में भूपेश सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। धीरे-धीरे ही सही, पर लगभग व्यापार संचालित किए जाने की छूट दे दी गई है। दो माह तक बंद रही गतिविधियों के संचालन के लिए भले ही समय की बाध्यता लागू है, लेकिन नहीं से कुछ तो सही के आधार पर सभी तरह के व्यापारिक गतिविधियों का संचालन शुरू हो चुका है। इसके बाद भी कुछ व्यापारी खुले बाजार में धड़ल्ले से कालाबाजारी को अंजाम दे रहे हैं।
जी हां, यहां पर हम बात कर रहे हैं पान मसाला, जर्दा और संबंधित सामाग्रियों की, जिसे बीते सप्ताह से संचालित करने की छूट दी गई है। खुले बाजार के बावजूद पान की दुकानों में पान मसाला, जर्दा को दोगुने कीमतों पर उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है। पूछे जाने पर कह दिया जाता है कि किल्लत के चलते स्टाॅकिस्ट उन्हें बढ़ी कीमतों में सामान उपलब्ध करा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें ज्यादा कीमतों पर बेचना पड़ रहा है। इस बात की लगातार शिकायतें ’ग्रेंड न्यूज’ को मिल रही थी, जिसकी हकीकत की पड़ताल में निकली ग्रेंड न्यूज की टीम ने पाया कि वास्तव में एमआरपी से दोगुने दाम वसूल किए जा रहे हैं।
इस मामले में ग्रेंड न्यूज ने खाद्य अधिकारी बीआर साहू से चर्चा की, जिस पर उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत उन्हें पहले नहीं मिली है, लेकिन चूंकि ग्रेंड न्यूज ने खुद इसकी पड़ताल की है, तो निश्चित तौर पर इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाएगी।
मामले को लेकर नापतौल विभाग के अधिकारी एसएस राय से चर्चा पर उन्होंने कहा कि एमआरपी से अधिक कीमतों पर बेचना अपराध है, लिहाजा टीम को सक्रिय करते हुए कार्रवाई शुरू की जाएगी।