चंडीगढ़। तीन बार के ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता महान हॉकी खिलाड़ी भारतीय हॉकी के दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर का निधन हो गया। वह 96 साल के थे। दो सप्ताह से अधिक समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझने के बाद सोमवार को चंडीगढ़ के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे बेटी सुशबीर, तीन बेटों कंवलबीर, करनबीर और गुरबीर को हमेसा के लिए छोड़ गए हैं।
मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के निदेशक अभिजीत सिंह ने बताया, ‘उनका सुबह 6 . 30 पर निधन हुआ।’ बाद में उनके नाती कबीर ने एक संदेश में कहा, ‘नानाजी का सुबह निधन हो गया।’ बलबीर सीनियर को आठ मई को वहां भर्ती कराया गया थ । वह 18 मईसे अर्ध चेतन अवस्था में थे और उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया था। उन्हें फेफड़ों में निमोनिया और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
देश के महानतम ऐथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलिंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलिंपियनों में शामिल थे।
हेलसिंकी ओलंपिक (1952) फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रेकॉर्ड आज भी कायम है। उन्हें 1957 में पद्मश्री से नवाजा गया था। बलबीर सीनियर ने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे। वह 1975 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर भी थे ।
पिछले दो साल में चौथी बार उन्हें अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया । पिछले साल जनवरी में वह फेफड़ों में निमोनिया के कारण तीन महीने अस्पताल में रहे थे ।