हिंद महासागर के नीचे मौजूद विशाल टेक्टोनिक प्लेट टूट रही है। एक शोध के मुताबिक यह प्लेट आने वाले वक्त में खुद ब खुद दो हिस्सों में बंट जाएगी। हालांकि इंसानों पर इसका असर आने में अभी हजारों साल लगेंगे। इस प्लेट को भारत-आस्ट्रेलिया-मकर टेक्टोनिक प्लेट के रूप में जाना जाता है।
शोध में बताया गया है कि इस प्लेट के टूटने की गति बहुत धीमी है और एक साल में 0.06 इंच (1.7 मिलीमीटर) की गति से बंट रही है। शोधकर्ता ऑरेली कॉड्यूरियर का यह शोध लाइव सांइस में छपा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्लेट इतनी धीरे-धीरे अलग हो रही है कि शुरुआत में यह पता ही नहीं चला कि टेक्टोनिकल प्लेट अलग हो रही है।
हालांकि हिंद महासागर में एक जगह पर उत्पन्न होने वाले दो मजबूत भूकंप आने के बाद शोधार्थियों को अंदाजा हुआ कि पानी के नीचे कुछ हलचल हो रही है। यह भूकंप हिंद महासागर में इंडोनेशिया के पास 11 अप्रैल, 2012 को 8.6 और 8.2 तीव्रता के थे।
भूंकप टेक्टोनिक प्लेट के आसपास नहीं थे, बल्कि एक अलग जगह से आए थे जो इस प्लेट के बीच में कहीं हैं। ऑरली ने कहा यह एक पहेली की तरह है। तीन प्लेंटे हैं जो एक साथ जुड़ी हुई हैं और एक ही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। प्लेट में यह टूटन समुद्र में भूकंप के कारण नहीं, बल्कि अन्य कारणों से हुई है।