1.जिस फ़िल्म के चर्चे मुंबई से लेकर न्यूयॉर्क तक उस फ़िल्म की शूटिंग हुई गरियाबंद के इस खूबसूरत प्राकृतिक स्थल में ।
2 .तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावड़े एवं एसपी एमआर आहिरे को गरियाबंद में ‘द गोल्ड एंड द चिकन स्टोरी’ की शूटिंग के लिये निर्माता ने दिया धन्यवाद ।
3.जिले का जलप्रपात चिंगरा पगार अब अपनी खूबसूरती मायानगरी के साथ ही अमेरिका में बिखरने को तैयार है ।
गरियाबंद। प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के चलते गरियाबंद का नाम छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यटन स्थल में शुमार है इन्ही में से एक पर्यटन स्थल का नाम है चिंगरा पगार जो कि छत्तीसगढ़ी भाषा मे बनी लघु फ़िल्म ‘द गोल्ड एंड द चिकन स्टोरी’ की शूटिंग के चलते राज्य और देश के अलावा अब विदेशों में भी अपनी खूबसूरती की तारीफे बटोरने जा रहा है यह लघु फ़िल्म रिलीज होने से पहले ही मुंबई से लेकर अमेरिका तक चर्चा में है इस फ़िल्म की पूरी शूटिंग चिंगरा पगार जलप्रपात के जंगलो में हुई है इस झरने की इसी खूबसूरती को देखते हुए ” द गोल्ड एंड द चिकन स्टोरी ” के भिलाई निवासी निर्माता डॉ पुरषोत्तम चंद्राकर ने अपनी इस लघु फ़िल्म की पूरी शूटिंग यँहा की ।
पूरी दुनिया में फैले कोरोना काल के बीच आज यह फ़िल्म अपनी रिलीज से पहले ही सुर्खियों में है छत्तीसगढ़ी भाषा में बनी शॉर्ट फिल्म द गोल्ड एंड द चिकन स्टोरी का चयन अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में फिल्म फेस्टिवल बी-बॉस में हुआ हैं। इस फेस्टिवल में 85 देशों की 750 फिल्मों का चयन किया गया है भारत की 46 फिल्मों को फेस्टिवल में शामिल किया गया है, इसमें एक छत्तीसगढ़ की है। इस फिल्म का निर्माण ‘बस्तर क्रॉफ्ट एंड इवेंट प्राइवेट लिमिटेड’ के सहयोग से किया है। इस फ़िल्म के डायरेक्टर रूपेश कुमार प्रसाद है
“30 मिनिट अवधि की इस लघु फिल्म की कहानी अवैध उत्खनन करने वाले मजदूरों पर आधारित है। इस लघु फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार अवैध खनन करने गए मजदूर एक बड़ी मुसीबत में फंस जाते। जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है फ़िल्म और दिलचस्प होते जाती है
फिल्म में छत्तीसगढ़ी भाषा के अलावा यहां की विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं को दिखाया गया है। फिल्म की शूटिंग बरसात के समय की गई हैं।” इस फ़िल्म की रिलीज के बाद गरियाबंद के जलप्रपात की खूबसूरती पूरी दुनिया देखेगी ।
” फ़िल्म के निर्माता डॉ पुरषोत्तम चंद्राकर ने कहा सबसे पहले तो मै अपने और अपनी टीम की तरफ से जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्याम धावड़े एवं एसपी एम.आर. आहिरे को धन्यवाद देना चाहूँगा जिनके सहयोग के चलते इस फ़िल्म का निर्माण बिना किसी रुकावट के पूरा हो सका । उन्होंने बताया कि फिल्म के निर्माण में बहुत चुनौतियां थी फिल्म बरसात के समय बहुत विपरीत परिस्थिति में करना था जो बहुत चैलेंजिंग अनुभव रहा । इस फ़िल्म के लिए उन्होंने दिनरात शूटिंग की तब जाकर 7 दिनों में इसकी शूटिंग पूरी हुई । गांव वालों का भी बहुत सहयोग मिला । एक समान की जरूरत पड़ने पर सभी गाँव वाले उसे ले लेकर आ जाते थे फ़िल्म निर्माण के समय सभी कलाकार गरियाबंद में ही रुके थे उन्होंने कहा कि गरियाबंद के लोग बहुत ही अच्छे और मिलनसार है जिसके चलते इस फ़िल्म की शूटिंग बिना परेशानी और रुकावट के पूरी हो गई । इस फ़िल्म प्रमोशन के लिये उन्हें न्यूयॉर्क जाना था मगर लॉक डाउन के चलते संभव नही हो पाया । मगर उन्हें इसका मलाल नही उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इस फ़िल्म के माध्यम से यूएस में रहने वाले लगभग 3 हजार परिवार को अपनी बोली में बनी इस फिल्म को देखने के अवसर मिलेगा और उनकी सरहना मिलेगी । फ़िल्म निर्माण को लेकर चर्चा करने के साथ ही उन्होंने फिल्म से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी हमारे साथ शेयर की ।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में फिल्म के डायरेक्टर रूपेश प्रसाद ने ” स्प्लिटिंग शोल्डर्स” नामक एक लघु फिल्म का लेखन एवँ निर्देशन किया था जिसे दुनिया के सबसे प्रतिष्टित कांन्स फिल्म फेस्टिवल में जगह मिली थी । इसके अलावा डॉ. पुरुषोत्तम चन्द्राकर एवं इनकी जोड़ी ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म ” फेरी टू होमोसेपियन्स “जो की ट्रांसजेंडर मुद्दे पर है तथा ” फ़ैसेटस ऑफ़ मास्क “जो छाऊ नृत्य पँर आधारित है बनायीं थी जो की इंटरनेशनल फेस्टिवल्स में जगह बना चुकी है।