रायपुर, मंत्रालय से एक बड़ी खबर आ रही है। वित्त विभाग राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन में 20 से 30 प्रतिशत की कटौती पर विचार कर रहा है। पता चला है, फायनेंस विभाग ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। जाहिर है, कोरोना संकट के दौर में राज्य के खजाने की हालत चरमरा गई है। पिछले साल अप्रैल में सरकार को 2100 करोड़ का राजस्व मिला था। मगर इस बार अप्रैल का राजस्व 400 करोड़ पर ठहर गया। और, आगे भी सरकार के राजस्व का ग्राफ बहुत अच्छा दिखाई नहीं पड़ रहा। उद्योग-व्यापार चालू जरूर हो गए हैं लेकिन, प्रोडक्शन अभी सीमित हैं। कोरोना में माईनिंग कम होने से रायल्टी भी पहले से कम मिलेगी। अलबत्ता, कोरोना जिद पर खर्च बढ़ गए हैं। सरकार ने कल ही ख! में कटौती करने के ध्येय से अधिकारियों, कर्मचारियों के इंक्रीमेंट रोकने के अलावा और कई फैसले किए थे। अब अधिकारियों, कर्मचारियों की सेलरी कटौती का प्रस्ताव दे दिया है वित्त विभाग ने। अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फायनेंस के इस प्रस्ताव से फिलहाल सहमत नहीं हैं। हालांकि, वित्त विभाग उन्हीं के पास है। लेकिन, उन्होंने इस पर फिलहाल कोई निर्णय न लेने के निर्देश दिए हैं। वित्त विभाग के अफसरों का कहना है, भारत सरकार ने अधिकारियों, कर्मचारियो के डीए समेत कई मर्द में कटौतियां की है। दूसरे राज्य भी खर्च कम करने कई फैसले किए हैं। अफसरों ने एनपीजी को बताया राजस्व प्राप्ति की स्थिति को देखते कड़े वित्तीय कदम उठना अब बेहद आवश्यक हो गया है। वरना, राज्य के बुनियाद विकास के काम प्रभावित होंगे।
ज्ञातव्य है, राज्य सरकार ने कल बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश जारी किया कि PSC की भर्ती और अनुकंपा नियुक्ति को छोड़कर तमाम पदों पर सीधी भर्ती के लिए अब वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी। जिन पदों के लिए वित्त विभाग से भर्ती की अनुमति पहले मिली भी थी, लेकिन उनकी जॉइनिंग नहीं हुई थी, उनके लिए अब वित्त की अनुमति जरूरी होगी। वित्त विभाग को पूर्व खर्च का प्रस्ताव और उसकी जरूरत की जानकारी देनी होगी, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा।
राज्य सरकार ने बड़ा निर्देश देते हुए कर्मचारियों व अधिकारियों के इंक्रीमेंट पर एक साल के लिए रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि सभी शासकीय सेवकों को 1 जुलाई 2020 एवं 1 जनवरी 2021 के इंक्रीमेंट में रोक लगा दी गयी है। ये आदेश आगामी आदेश तक जारी रहेगी। हालांकि 1 जनवरी 2020 और 1 जुलाई 2021 से पूर्व सेवानिवृत होने वाले शासकीय कर्मचारियों पर ये लागू नहीं होगा।