भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में टेस्ट मैचों में भी भारत की अत्यधिक सफल क्वार्टर टेस्ट में अपने खेल के शीर्ष पर रहेगा, क्योंकि कोच और चयनकर्ता शक्तिशाली मैच विजेताओं को मौका दे रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह ये 4 गेंदबाज हैं, जो दुनिया के अच्छे से अच्छे गेंदबाजी लाइनअप की धज्जियां उड़ा सकते हैं।
हालांकि, जब गेंद को चमकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लार पर पाबंदी लग जाएगी तो इन गेंदबाजों के लिए भी विकेट चटकाना मुश्किल होगा, लेकिन टीम के गेंदबाजी कोच कुछ अलग ही राय रखते हैं। कोरोना वायरस को देखते हुए भरत अरुण लार लगाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि गेंद पर बाहरी पदार्थ का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे कि तेज गेंदबाजों को थोड़ी बहुत मदद मिल सके।
गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करना पुरानी आदत है, लेकिन भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि जब लार पर प्रतिबंध लग गया है तो फिर बाहरी पदार्थ का इस्तेमाल करने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यह बाहरी पदार्थ सभी टीम के लिए मान्य होगा तो फिर क्यों ना इसके इस्तेमाल की छूट दे देनी चाहिए। लार का इस्तेमाल करना पुरानी आदत है, लेकिन हम अभ्यास सत्रों में इस आदत से छुटकारा पाने की पूरी कोशिश करेंगे।
भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज भरत अरुण ने कहा है, “हां भारत में तेज गेंदबाजों की एक फसल आ रही है, ये कोच और चयनकर्ताओं का संयुक्त परिश्रम है। यही वो लोग हैं जो बेंच स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए गेंदबाजों की चयन करते हैं।” गेंदबाजी कोच ने ये भी कहा है कि लॉकडाउन के बाद जब कॉन्ट्रैक्टेड फास्ट बॉलर्स अगर प्रैक्टिस करें तो इंडिया ए और घरेलू क्रिकेट में अच्छा करने वाले गेंदबाजों को भी मौका मिलना चाहिए।