नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देशवासियों से आने वाले दिनों में भी ‘धैर्य और जीवटता’ बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण यह संकट की घड़ी, देशवासियों के लिए संकल्प की घड़ी है। कोई भी आपदा या विपत्ति 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य तय नहीं कर सकती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई में विजय के लिए सरकार के प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना जरूरी है वरना जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत बन सकती है। मोदी ने कहा, हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती। हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी। हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे। मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर देशवासियों के नाम पत्र में पिछले एक वर्ष में किये गए कार्यों को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए सरकार की उपलब्धियां बताईं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशहित में किए कार्यों और निर्णयों की सूची बहुत लंबी है और एक साल के कार्यकाल के प्रत्येक दिन चैबीसों घंटे पूरी सजगता, संवेदनशीलता से काम हुआ और निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सामान्य स्थिति होती तो वे लोगों के बीच आते लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उन परिस्थितियों में वे पत्र के माध्यम से अपनी बात रख रहे हैं।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि भारत आज अन्य देशों की तुलना में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।
कोरोना वायरस के प्रति लोगों को सचेत करते हुए उन्होंने कहा, हमें ये भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए। इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे ही उसे आगे भी बनाए रखना है। देशवासियों के नाम लिखे पत्र में मोदी ने कोविड-19 के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों, कारीगरों, छोटे उद्योगों, दुकानदारों, रेहड़ी पटरी वालों को हुई परेशानियों का जिक्र किया और कहा कि इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई। हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, दुकानदार, लघु उद्यमियों ने असीमित कष्ट सहा है और इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे हैं. कोविड-19 से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों और उससे निपटने का संकल्प व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है – आत्मनिर्भर भारत. उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में यह चर्चा बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? मोदी ने कहा, हमें यह विश्वास है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। हम 130 करोड़ भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं।