उदंत मार्तंड (Udant Martand) से पहले 1780 की 29 जनवरी को आयरिश नागरिक जेम्स आगस्टस हिकी अंग्रेजी में ‘कलकत्ता जनरल एडवर्टाइजर’ नाम का एक पत्र शुरू कर चुके थे, जो भारतीय एशियाई उपमहाद्वीप का किसी भी भाषा का पहला अखबार था. फिर भी हिंदी को अपने पहले समाचार-पत्र के लिए 1826 तक प्रतीक्षा करनी पड़ी.
भारत में हिंदी पत्रकारिता के इतिहास पर नजर डालें तो भारत में 30 मई यानी आज का दिन हिंदी पत्रकारिता के इतिहास का सबसे गौरवशाली दिन है. आज ही के दिन हिंदी के पहले अखबार उदंत मार्तंड की पहली प्रति निकली थी. कह सकते हैं आज हिंदी पत्रकारिता का जन्मदिवस है.
जहां तक दुनिया के पहले अखबार का प्रश्नी है तो उसकी शुरुआत यूरोप से ही हुई. हालांकि दुनिया में पत्रकारिता का इतिहास कई स्तररों पर विभाजित है. कोई इसे रोम से मानता है, तो वहीं कोई इसे 15वीं शताब्दीक में जर्मनी के गुटनबर्ग की प्रिंटिंग मशीन की शुरुआत से मानता है.
दरअसल, 16वीं शताब्दी के अंत में, यूरोप के शहर स्त्रास्बुर्ग में, व्या पारी योहन कारोलूस ने रईस ग्राहकों को सूचना-पत्र लिखवा कर प्रकाशित करता था. बाद में उसने छापे की मशीन खरीद कर 1605 में समाचार-पत्र छापा. उस समाचार-पत्र का नाम था ‘रिलेशन. यही विश्व का प्रथम मुद्रित समाचार-पत्र माना जाता है.