रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी आदिवासी नेता को भी सौंपे जाने की संभावनाएं शुरू से ही ज्यादा थीं। विधानसभा चुनाव के बाद लंबे समय से छत्तीसगढ़ में भाजपा अध्यक्ष बदले जाने की बात चली रही थी। जिस पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने आज फैसला ले लिया।
विष्णुदेव साय का राजनैतिक सफर –
विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के कांसाबेल तहसील के एक छोटे से गांव बगिया में एक किसान परिवार से निकल कर केन्द्रीय मंत्री तक का सफर तय किया है। उन्होनें रायगढ़ लोकसभा में 20 साल तक एकछत्र राज किया। कांग्रेस के वरिष्ठ व दिग्गज कहे जाने वाले नेता भी इस अपराजेय सांसद को रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बाहर नहीं निकाल सके। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश से भाजपा के 10 सांसद लोकसभा में पहुंचे थे। इनमें से कुछ वरिष्ठता के लिहाज से विष्णुदेव साय से भी वरिष्ठ थे। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बने एनडीए की सरकार में प्रदेश से केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह बनाने में सफल रहे। इसके पीछे विष्णुदेव साय की बेदाग छवि और उनकी मिलनसार व्यवहार के साथ गुट की राजनीति से दूर रहने को श्रेय दिया गया था। लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा करते-करते राजनीतिक हालात ने विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा करवट लिया कि इस आदिवासी नेता को पहली बार टिकट के लिए तरसने के लिए मजबूर होना पड़ा। पिछले लोकसभा चुनाव में जब प्रदेश के निवर्तमान सांसदों के टिकट काटे जाने को लेकर चर्चाएं शुरू हुईं तो सबसे पहले विष्णु देव साय ने अपना नाम रखा और चुनाव न लड़ने की सहमति जताई थी। उनके इस कदम का केंद्रीय नेतृत्व पर सार्थक प्रभाव पड़ा था। इससे पहले पिछले लोकसभा चुनाव के समय तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने धरमलाल कौशिक को हटाकर विक्रम उसेंडी को अध्यक्ष बनाया था।