नई दिल्ली। जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी सिद्धार्थ शर्मा उर्फ मनु शर्मा मंगलवार को रिहा हो गए हैं। उपराज्यपाल ने यह फैसला उनके अच्छे व्यवहार के चलते लिया है।
रिहाई पर अंतिम फैसला उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल पर छोड़ा गया था। सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की बैठक में मनु शर्मा की समय पूर्व रिहाई की सिफारिश किए जाने के बाद मंगलवार को अंतिम मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दी गई है, जहां से मनु शर्मा की रिहाई के आदेश दे दिए गए। बता दें कि हरियाणा के पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को दिसंबर 2006 में दिल्ली हाई कोर्ट ने 1999 में जेसिका लाल की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि तिहाड़ जेल सूत्रों ने बताया है कि यह छठी बार है जब समय से पहले रिहाई के लिए मनु शर्मा की याचिका सजा एसआरबी के समक्ष रखी गई। दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में सोमवार को एसआरबी की बैठक में मनु शर्मा की रिहाई की सिफारिश की गई। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को 37 मामले मेरिट के आधार पर एसआरबी के सामने आए। इनमें से 22 मामले निर्धारित मापदंड के आधार पर रिहाई के योग्य पाए गए।
तिहाड़ के सूत्रों की मानें तो मनु शर्मा अपने जुर्म की सजा पूरी कर चुका है। मनु शर्मा के व्यवहार में हुए बदलाव को देखते हुए पहले उसे सेमी ओपन जेल, फिर ओपन जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। बता दें कि कुछ साल पहले जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल ने भी दोषी मनु शर्मा को जेल से रिहा करने को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। उनका कहना था कि मनु शर्मा को जेल से छोड़े जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।