विश्व स्वास्थ संगठन ने आयुष्मान भारत योजना को प्रेरित करते हुए कहा है की इसके क्रियान्वयन में जल्दबाजी लाकर अपना देश covid 19 से एक बेहतर तरीके से छुटकारा पा सकता है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने कोविड-19 पर नियमित प्रेस वार्ता में शुक्रवार को कहा, “निस्संदेह कोविड बहुत दुभार्ग्यपूर्ण है और कई राष्ट्रों के समक्ष गंभीर चुनौती है, लेकिन हमें इसमें अवसर भी तलाशने होंगे। भारत के लिए यह आयुष्मान भारत को गति देने का अवसर साबित हो सकता है, खासकर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस करते हुये। मोदी सरकार की महत्त्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत सरकार ने 10 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये की नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
इस बात को जमीनी तौर पर जुड़ने की बुनियाद को तैयार कर दिया गया है:
तेद्रोस ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और जन भागीदारी के जरिये हम महामारी की लहर का रुख मोड़ सकते हैं। भारत ने जो योजना शुरू की है उसका भरपूर इस्तेमाल करने और उसके क्रियान्वयन को गति देने से उसे लाभ हो सकता है। सरकार आयुष्मान भारत को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ आयुष्मान भारत की तारीफ करता रहा है और यह इस योजना को कसौटी पर कसने तथा गति देने के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। इस महामारी से लड़ने में इसका पूरा इस्तेमाल किया जाना चाहिये। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत अब इटली को पीछे छोड़ते हुए छठे स्थान पर पहुंच चुका है।
यहां कुल मरीजों की संख्या दो लाख तीस हजार से अधिक है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार (5 जून) रात करीब 10 बजकर 03 मिनट (भारतीय समयानुसार) तक भारत में कोरोना के कुल संक्रमितों की तादाद 2,35,540 पहुंच गई है, जबकि इस बीमारी की वजह से देश में अब तक कुल 6637 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं कुल 1,12,757 मरीज इस बीमारी से स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं।