पेंड्रा-मरवाही । पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विधायक प्रतिनिधि रहे ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने आज को कांग्रेस में प्रवेश क्या किया, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में इस्तीफों का झड़ी सी लग गई । ज्ञानेंद्र उपाध्याय की कांग्रेस प्रवेश की जानकारी मिलते ही स्थानीय कांग्रेसी दो धड़ों में बंट गये । एक धड़े ने बैठक कर अपना इस्तीफा जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप भी दिया है । वही दूसरा धड़ पार्टी मजबूत होने की कही ।
ज्ञानेंद्र उपाध्याय के रायपुर में कांग्रेस प्रवेश के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के साथ ही पेंड्रा-गौरेला-मरवाही क्षेत्र के कांग्रेसजनों में हड़कंप मच गया । एक गुट ने इसके विरोध में आनन-फानन में मीटिंग बुलाई, जिसमें जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मनोज गुप्ता के अलावा विभिन्न प्रकोष्ठ दो के पदाधिकारी भी मौजूद थे । बैठक में कांग्रेस पिछड़ा वर्ग जिला अध्यक्ष नरेंद्र राय, प्रमोद परस्ते, मरवाही विधानसभा से पूर्व विधायक प्रत्याशी गुलाब सिंह राज, कांग्रेस कार्यवाहक ब्लॉक अध्यक्ष मरवाही बेचू सिंह अहिरेश, विवेक सिंह पोर्ते, बाला प्रसाद कश्यप, सांसद प्रतिनिधि कोरबा संतोष मलैया सहित बड़ी संख्या में जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा जिला अध्यक्ष को सौंपा दिया ।
इसके बाद उपजी स्थिति का जिक्र करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज गुप्ता के साथ अन्य पदाधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नाम संयुक्त हस्ताक्षर कर पत्र भेजा है ।
मामले पर जिला कांग्रेस कमेटी मीडिया प्रभारी घनश्याम सिंह का कहना है कि जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यकर्ताओं को जानकारी लगी, सभी ने इस्तीफा अध्यक्ष मनोज गुप्ता को दिया है. वहीं प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व के ज्ञानेंद्र उपाध्याय को कांग्रेस में प्रवेश दिए जाने के निर्णय पर उन्होंने कहा कि जोगी कांग्रेस के कुछ लोगों को लेने से नुकसान ही होगा, इसलिए ऐसे लोगों को प्रवेश नहीं देना चाहिए. मैं खुद कार्यकर्ताओं के साथ हूं।
वही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ज्ञानेंद्र उपाध्याय के साथ नजर आए. उनका कहना है कि मैं प्रदेश कांग्रेस और शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के साथ हूं. ज्ञानेंद्र उपाध्याय के आने से निश्चय ही पार्टी को फायदा होगा ।
ज्ञात हो कि अजीत जोगी की मृत्यु के पश्चात मरवाही सीट खाली हो गई है। आने वाले दिनों में यहां उपचुनाव होना तय है, ऐसे स्थानीय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच मचा इस तरह का घमासान चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।