रायपुर। देश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए राज्य के प्रवासी मजदूरों को अन्य राज्यो से वापस लाने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर वापस लाने का सिलसिला जारी हुआ। इन श्रमिकों के राज्य वापसी होने के बाद इन्हें शासन के निर्देशानुसार 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा जाने का प्रावधान किया गया है।
इसी तारतम्य में आरंग विकासखंड के ग्राम मंदिर हसौद में अन्य राज्यो से वापस आए श्रमिकों को सामुदायिक भवन में क्वॉरेंटाइन किया गया है। गांव के सरपंच रमा नोहर यादव ने बताया कि ग्राम मंदिर हसौद के सामुदायिक भवन में हैदराबाद के तेलंगाना से आए आदर्श यादव और राहुल विश्वकर्मा, दिल्ली से आये गिट्टी खदान में कार्य करने वाले राकेश पटेल, बृज और सावित्री, मुम्बई से आए अंकित यादव तथा झारखंड से आये पंकज चैरसिया को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है। उन्होंने बताया कि इन श्रमिकों के लिए नाश्ता और भोजन के साथ-साथ रहने के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएं की गई है। श्रमिकों को समय पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है तथा शासन के द्वारा दिए गए गाइडलाइन के अनुसार सामाजिक दूरी और अन्य सावधानियों का समुचित पालन किया जा रहा है। यहां पर रहने वाले श्रमिकों को उनके परिवार के या गांव के किसी अन्य व्यक्तियों से मिलने की अनुमति नही दी गई है।
क्वारेंटाईन केंद्र में रहने वाले श्रमिको ने बताया कि सरकार के द्वारा श्रमिको की घर वापसी के लिए की गई पहल से ही वह अपने गृह ग्राम पहुंच पाए।सरकार द्वारा गांव के सामुदायिक भवन में रहने और नियमित रूप से हमारे स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जा रहा है। हम सभी को समय पर भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार द्वारा की गई इस व्यवस्था के लिए हम सरकार का धन्यवाद करते है, कि उन्होंने श्रमिकों की जान की रक्षा के लिए यह कदम उठाया। सरकार द्वारा की गई इस पहल से हम जैसे गरीब लोगों को बहुत सुकून मिला है, कि सरकार को हम गरीबो की चिंता है। संकट के विपरीत परिस्थिति में भी सरकार की गरीबो के प्रति जो संवेदना है, वह सराहनीय है। सेंटर के व्यवस्था में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। यहाँ पर भोजन और रहने की समुचित व्यवस्था की गई है। इस सुविधा के लिए हम सरकार को धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने गरीबों के लिए यह कदम उठाया है।