कमर्शियल माइनिंग को लेकर ट्रेड यूनियनों के विरोध के बीच अब कमर्शियल माइनिंग के तहत कोल ब्लॉक नीलामी की प्रक्रिया सरकार 11 जून से शुरू कर सकती है। इसकी तैयारी चल रही है। कोयला क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इसके तहत सरकार की ओर से पहले 50 कोल ब्लॉक को नीलामी के लिए पेश किया जा सकता है। नीलामी प्रक्रिया के तहत टेंडर भी 11 जून को जारी हो सकता है। केंद्र ने आर्थिक करने का निर्णय लिया था। हालांकि सरकार के इस निर्णय के बाद ट्रेड यूनियनों ने इसका विरोध भी जताया है। सरकार ने पिछले सप्ताह राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर कोयले की कमर्शियल माइनिंग करने की शर्तों को मंजूरी दे दी थी। यह मंजूरी पीएम की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की एक बैठक में दी गई थी। इसके पीछे सरकार की सोच है कि इसके माध्यम से कोयले के आयात पर निर्भरता को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।
ट्रेड यूनियनों ने किया था विरोध प्रदर्शन, मंत्री के बयान के बाद शांत
कोल सेक्टर के लिए कमर्शियल माइनिंग सहित अन्य नीतियों को लेकर ट्रेड यूनियनों ने बीते दिनों राष्ट्रीय स्तर पर कोयला खदानों में विरोध दिवस मनाया था। कमर्शियल माइनिंग का विरोध करने वाले ट्रेड यूनियन के नेताओं का कहना है कि कोल इंडिया की खानों को अगर निजी क्षेत्रों को देने की कोशिश होगी तो इसका विरोध किया जाएगा। बता दें कि बीते दिनों कोयला मंत्री की ओर से यह बयान आया था कि कोल इंडिया का निजीकरण नहीं किया जाएगा। बल्कि कोल इंडिया को आगे और मजबूत किया जाएगा। जिसके बाद से यूनियनों के तेवर कुछ शांत हैं।
सीसीईए की ओर से तय की गई शर्त 4 फीसदी हो सकता है फ्लोर प्राइज
तय शर्तों के अनुसार कंपनियां राजस्व हिस्सेदारी की बोली लगाकर यह बताएंगी कि वे राजस्व में कितनी हिस्सेदारी सरकार को देना चाहती हैं। कोल क्षेत्र के जानकारों यह भी कहना है कि बोली के लिए फ्लोर प्राइस 4 फीसदी हो सकता है। उसके ऊपरी 10 फीसदी तक के लिए 0.5 फीसदी के मल्टीपल में बोली लगानी होगी। 10 फीसदी से ऊपर की बोली 0.25 फीसदी के मल्टीपल में लगानी होगी। कमर्शियल माइनिंग के तहत खदान से निकले कोयले के उपयोग और बिक्री पर कोई किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं लगाया जाएगा।
निजी कंपनियों को होगी नीलामी
घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कोयले की खदानों को कमर्शियल माइनिंग करने के लिए निजी कंपनियों को नीलाम किया जाएगा। कोयला मंत्रालय कार्यक्रम के जरिए कोयला ब्लॉक नीलामी शुरू करने की तैयारी कर रही है। उसके बाद कानून और नियमों में किए गए बदलाव को लेकर देश के अन्य भागों में कार्यक्रम आयोजित कर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि निजी क्षेत्र के बीच इसे लेकर रुचि पैदा हो सके।