राजधानी रायपुर में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 12 लाख से अधिक रकम की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
पुलिस ने बताया कि बजाज फाइनेंस के असिस्टेंट मैंनेजर नरेंद्र कुमार बरनाला की शिकायत पर आरोपी दीपक तिवारी पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया गया है। आरोपी दीपक ने रवि नगर, रायपुर स्थित बजाज फाइनेंस में खुद को पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताते हुए अपनी तनख्वा 85000 रुपये प्रति माह बताई, साथ ही फ़र्ज़ी आधार कार्ड सहित पैन कार्ड भी ज़मा किया। जब दीपक का पहला चेक बाउंस हुआ तब बजाज फाइनेंस के अधिकारी सीधा पावरग्रिड कारपोरेशन,कुम्हारी पहुँचे जहां उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। कम्पनी के अधिकारियों ने बजाज फाइनेंस को बताया कि दीपक तिवारी नाम का कोई कर्मचारी उनके यहाँ कार्यरत नही है, साथ ही फाइनेंस कंपनी के पास मौजूद सैलरी स्लिप भी फ़र्ज़ी है। कम्पनी ने जब पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि आधार कार्ड व पैन कार्ड भी फ़र्ज़ी है। असलियत में यह दीपक तिवारी नही बल्कि लखनऊ,उत्तर प्रदेश निवासी सिद्धार्थ तिवारी है।
यह पूरा मामला अक्टूबर 2019 का है जब दीपक ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बजाज फाइनेंस के साथ 12,35,532 रुपयों की धोखाधड़ी की। प्रार्थी की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी दीपक तिवारी उर्फ सिद्धार्थ तिवारी लखनऊ के खिलाफ IPC की धारा 420,467,468,471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।