रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर संग्रहण केंद्रों में धान को बारिश से खराब होने से बचाने के लिए चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि इन चबूतरों में शेड का निर्माण भी किया जाएगा ताकि धान खराब न होने पाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा मनेरगा और अन्य विभागीय योजनाओं के अभिसरण से प्रदेश भर के संग्रहण केंद्रों में 4622 चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 4435 कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर 2819 चबूतरों का काम भी शुरू कर दिया गया है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 117 चबूतरों का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो चुका है।
मनरेगा तथा चौदहवें वित्त आयोग और डीएमएफ के अभिसरण से प्रदेश के सभी धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरे बनाए जा रहे हैं।
इसके लिए मनरेगा के अंतर्गत 88 करोड़ 15 लाख रूपए और अन्य मदों से आठ करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। राज्य शासन द्वारा इन चबूतरों का काम तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। धान को बारिश में भीगने से बचाने चबूतरा निर्माण के बाद इनमें शेड लगाने के लिए अन्य योजनाओं से राशि का प्रावधान किया जाएगा।
राज्य शासन द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को सुरक्षित रखने के लिए जांजगीर-चांपा जिले में 540, बलौदाबाजार-भाटापारा में 486, महासमुंद में 461, राजनांदगांव में 442, बेमेतरा में 392, बालोद में 351, रायगढ़ में 325, कबीरधाम में 230, मुंगेली में 229, गरियाबंद में 197, धमतरी में 185, कांकेर में 177, सूरजपुर में 112, बिलासपुर में 93, कोंडागांव में 78, बस्तर में 63 और बीजापुर में 62 चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है।