नई दिल्ली। नेपाल में नए नक्शे के प्रस्ताव पर आज (शनिवार) नेपाली संसद में मतदान होगा. इस नक्शे में भारत के कई इलाकों को भी शामिल कर लिया गया है। शनिवार सुबह से ही काठमांडू में लोग सड़कों पर उतर कर इस नक्शे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी कई प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ सड़क पर आ गए थे। जिसके बाद नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने शुक्रवार रात मीडिया के जरिए लोगों से प्रदर्शन रोकने का आग्रह किया था।
नेपाल के विदेश मंत्री ने बताया है कि, शनिवार यानि आज देश की संसद द्वारा एक ऐतिहासिक बिल पर निर्णय लिया जाएगा। इसलिए प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया गया था कि वो किसी भी प्रकार के सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल ना हों। इससे गलत संदेश जाएगा. प्रदीप ग्यावली ने कहा कि हम अपनी भूमि को वापस नक्शे में शामिल कर एक मिसाल कायम करने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों ने भी इसका समर्थन कर एकजुटता दर्शाई है. इसलिए आम जनता को भी सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि सरकार का समर्थन देते हुए नक्शा पास होने की खुशी में प्रदर्शन करना चाहिए. इसके बाद भी काठमांडू में शनिवार सुबह से सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के लिए लोग सड़कों पर आ गए हैं. पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की धड़पकड़ भी जारी है।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने नक्शा बदले जाने को लेकर कहा कि हमारे मन में यह विचार तब आया जब भारत ने 2 नवंबर 2019 को जम्मू-कश्मीर को पुनर्व्यस्थित करते हुए नक्शे में परिवर्तन किया। हमने सीमा विवाद को लेकर नई दिल्ली से कई बार बात करने का प्रयास किया, किन्तु उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद सभी पार्टियों ने मिलकर नक्शे में बदलाव करने पर जोर दिया। अब इसमें संशोधन नहीं हो सकता।