रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की सड़कों के मरम्मत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बरसात में लोगों को आवागमन में असुविधा न हो। उन्होंने राष्ट्रीय राज मार्ग के अधिकारियों को खराब सड़कों को सुधारने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ऐसे सभी शासकीय भवन जो मुख्यमार्ग से नहीं जुड़े हैं, उन्हें पक्के पहुंच मार्ग से जोड़ा जाए। उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश आज यहां अपने निवास कार्यालय में लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए।
बैठक में गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव आर.पी.मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा करते हुए अंबिकापुर से बनारस मार्ग और रायगढ़ से धरमजयगढ़ सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। निर्माणाधीन रायपुर-बिलासपुर मार्ग में जहां मरम्मत की आवश्यकता है, उन कार्यों को जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। कोरबा शहर में रेल लाइनों पर ओव्हर ब्रिज बनाने के लिए योजना बनाने भी कहा। राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे वृक्षारोपण कराने के निर्देश दिए। राजधानी से लगी खारून नदी के किनारे सौदर्यीकरण और जनसुविधा की दृष्टि से 8.80 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जाएगा। यह सड़क कुम्हारी-मरघटा-अमलेश्वर तक बनेगी। इसके लिए 70.40 करोड़ रूपए की कार्य योजना बनायी गई है। कार्य योजना में स्टाप डेम और चैपाटी, वृक्षारोपण, रिटेनिंग वाल तथा अन्य सौंदर्यीकरण कार्य शामिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। एशियन विकास बैंक की सहायता से वर्ष 2020 से 2024 परियोजना अवधि के लिए 1184 किलोमीटर लम्बाई की 30 सड़कों के लिए 4000 करोड़ ऋण लेने की कार्य योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने कार्ययोजना को सैद्धांतिक सहमति दी।
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में खाली शासकीय भूमि पर नवीन आवासीय सह व्यावसायिक कम्पलेक्स बनाने के लिए रायपुर के कटोरा तालाब स्थित लोक निर्माण कार्यालय परिसर में 5.43 एकड़ और दुर्ग के कसारीडीह पुराने सिविल लाइन में 16.58 की भूमि चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में लगभग 272 करोड़ रूपए लागत की 33 स्थानों पर 52 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। बैठक में राम वन गमन पथ की निर्माण के लिए कार्ययोजना पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि इस पथ की कुल लम्बाई 2260 किलोमीटर है। इसमें से 748 किलोमीटर राष्ट्रीय राज मार्ग है, जिसमें मरम्मत की जरूरत नहीं है। कार्ययोजना में 78 किलोमीटर राज्य मार्ग और 43 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग एडीबी परियोजना के अंतर्गत बनाया जाएगा। इसी तरह 123 किलोमीटर ग्रामीण मार्ग छत्तीसगढ़ सड़क परियोजना के अंतर्गत और 243 किलोमीटर सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत और 45 किलोमीटर सड़क वन विभाग द्वारा बनाना प्रस्तावित है।
लोक निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि नवीन जिला गौरेला पेड्रा मारवाही को छोड़ कर राज्य के सभी जिला मुख्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग से जुडे हैं। राज्य के सभी 146 विकासखंडों में से केवल 6 विकासखंड देवभोग, नरहपुर, जनकपुर, कुंआकोंडा, लुण्ड्रा और मैनपाट डबल लेन से नहीं जुड़ें हैं इन्हें जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। ऐसे प्रवासी श्रमिक जो अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटे हैं ऐसे लगभग 15 हजार श्रमिकों को क्वारंटाइन पूरा करने के बाद सड़क और भवन निर्माण कार्यों में रोजगार दिया जा रहा है। इनमें काफी संख्या में स्किल्ड हैं जो मुम्बई और दिल्ली में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा कोविड -19 की रोकथाम के लिए अस्पतालों के उन्नयन का कार्य किया गया है।