रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों एवं अन्य माध्यमों से अब तक 3 लाख 75 हजार प्रवासी श्रमिक और अन्य लोग सकुशल छत्तीसगढ़ लौटे हैं। इनमें 78 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यमों से 1 लाख 6 हजार 928 श्रमिक शामिल हैं। गृहराज्य लौटने पर प्रवासी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लाॅकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूर एवं अन्य लोग रूके हुए थे। राज्य सरकार द्वारा इन श्रमिकों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाने के लिए बनायी गई कारगर रणनीति, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था, बसों की व्यवस्था और अधिकारियों की मुस्तैदी से इन श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब तक 4 करोड़ 16 लाख रेल मण्डलों को और बसों पर खर्च की किए गए हैं। इसके अलावा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए 18 करोड़ 20 लाख रूपए और स्वास्थ्य विभाग 75 करोड़ रूपए जारी की गई है।
डाॅ. डहरिया ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। वहीं लाॅकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में 1464 छोटे-बड़े कारखानों को पुनः प्रारंभ कर लगभग 1 लाख 8 हजार 158 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
श्रम मंत्री डाॅ. डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अन्य राज्यों से वापस लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रवासी श्रमिक जिनका मनरेगा के तहत जाॅब कार्ड नहीं बना है, उनका भी जाॅब कार्ड बनाकर रोजगार देने का प्रावधान किया गया है। उन्हें निःशुल्क राशन भी दिया जा रहा है।
डाॅ. डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर अन्य जिलों सेे 15 हजार 767 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ में रूके अन्य राज्यों के 28 हजार 450 श्रमिक सुरक्षित वापस अपने गृह राज्य जा चुके हैं। मनरेगा के तहत करीब 26 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं (ईएसआई) के द्वारा संचालित 42 क्लीनिकों के माध्यम से लगभग 90 हजार श्रमिकों को निःशुल्क इलाज एवं दवाएं उपलब्ध कराई गई है।