रिपोर्ट – शाहीन खान,भिलाई
भिलाई। पुलिस ने पिछले 4 वर्षों से अपनी वास्तविक पहचान छुपाकर कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी सुपेला में रह रही बांग्लादेशी महिला को उसके भाई के साथ गिरफ्तार किया है। महिला के पति की तलाश की जा रही है। बांग्लादेशी महिला रसीदा बेगम बांग्लादेश से वैध पासपोर्ट और वीजा प्राप्त लेकर 2016 में कलकत्ता आयी थी। जहाँ उसकी पहचान विमल कुमार दास से हुआ । इसके बाद दोनों एक साथ सुपेला कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी में आकर रहने लगे। दो वर्ष तक दोनों पति-पत्नी की तरह रहे और दो साल बाद बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ में जाकर विमल कुमार ने रसीदा बेगम से शादी कर ली। इस बीच रसीदा बेगम अपने मूल निवास बांग्लादेश भी आती जाती रही।
बांग्लादेशी होने की बात छिपाई
रसीदा बेगम ने खुद के बांग्लादेशी होने की बात छिपायी इस काम में विमल कुमार दास ने उसका साथ दिया और रसीदा को भारतीय दिखाने के लिए स्थानीय निवास प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड सहित सारे दस्तावेज बनवा लिये।
कैसे खुला राज ?
इस बात का किसी को पता भी नहीं चलता लेकिन 7 जनवरी के रसीदा बेगम के बुआ का लड़का मोहम्मद रशैल बांग्लादेश से कॉन्ट्रेक्टर कॉलोनी आया । लेकिन इस बात की जानकारी उसने पुलिस को नहीं दी और सी फॉर्म भी नहीं भरा। कुछ दिन यहाँ रहने के बाद वह वापस बांग्लादेश चला गया। मार्च 2020 में रशैल फिर अपनी बहन रसीदा के पास सुपेला आया और इस बार भी उसने पुलिस को जानकारी नहीं दी। रशैल का वीजा 90 दिन के लिए वैध था जो 12 अप्रैल को समाप्त होने वाला था । इसी बीच कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन हो गया और वह वापस नहीं जा सका।
लॉकडाउन ने खोल दिया राज
तब डरकर 11 अप्रैल को उसने सुपेला थाने में खुद के बांग्लादेश से आने की जानकारी दी। जाँच के दौरान पुलिस ने पाया कि रशैल ने अपने विदेशी होने की जानकारी जानबूझकर छिपायी है। इसी दौरान रसीदा बेगम उर्फ राखी दास के बांग्लादेशी होने का भांडा फूट गया और विमल दास के रसीदा बेगम के विदेशी होने की जानकारी छिपाने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने की बात भी उजाकर हो गई। सुपेला पुलिस ने तीनों आरोपियों के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471, सहपठित धारा 34 भादवि के साथ ही विदेशियों विषयक अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर रसीदा बेगम और रशैल को गिरफ्तार कर रिमाण्ड पर न्यायालय पर पेश किया जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस आरोपी विमल दास की तलाश कर रही है जो अब तक गिरफ्तार नहीं हो सका है।