रायपुर। एक तरफ जहां प्रदेश में कोरोना संकट जारी है, लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं, इन सब को दरकिनार कर स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति विवाद गहराने लगा है। रायपुर मेडिकल कॉलेज में हुई नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। प्राइवेट हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने चिकित्सा शिक्षा संचालनालय पर आरोप लगाया है कि चहेतों को लाभ देने के लिए नियमों को दरकिनार किया जा रहा है।
ताजा मामला रायपुर मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट में एक एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की गई है, जबकि यह पद पूरी तरह से पदोन्नति से भरा जाना है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि लगातार लंबे समय से पदोन्नति के पद पर नियुक्ति की जाती रही हैं, अप्रैल में भी माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर अपॉइंट किये गए थे।
अतिरिक्त संचालक डॉ निर्मल वर्मा का कहना है कि कोविड संक्रमण के दौरान नियुक्तियां देकर पद भरने की कोशिश की गई है, इसके लिए शर्त भी रखा गया है कि 1 वर्ष या पदोन्नति होते ही संविदा नियुक्ति समाप्त हो जाएगी।