नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच कई काम प्रभावित हो रहे हैं। इसी कड़ी में संक्रमण का असर राज्यों में होने वाले चुनाव पर भी पड़ सकता है। दरअसल, कई राज्यों में चुनाव होने हैं लेकिन कोविड 19 के चलते संक्रमित मरीजों को वोट डालने में दिक्क्त का सामना करना पड़ सकता है, वहीं इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा भी है। इस बाबत अब चुनाव आयोग ने कुछ बदलाव किये हैं। भविष्य में होने वाले किसी भी चुनाव में दिव्यांगों के साथ 65 साल से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन को भी पोस्टल बैलेट पेपर से वोट डालने की सुविधा मिलेगी।
वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव, कोरोना मरीज और 65 साल से अधिक उम्र के लोग बैलेट पेपर से करेंगे मतदान
आगामी चुनावों में कोरोना मरीजों को भी मतदान में शामिल करने के लिए चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। पिछले साल अक्टूबर में चुनाव आयोग ने 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए पोस्टल बैलेट से वोट देने का विकल्प शुरू किया था। आयोग के अनुसार उसी सुविधा को आगे बढ़ाकर 65 साल के लोगों के लिए लागू कर दिया गया। इसके तहत अब कोविड मरीज और 65 साल से अधिक उम्र के लोग पोस्टल बैलेट पेपर के जरिए वोट डाल सकेंगे।
65 वर्ष से ज्यादा उम्र के वृद्धजनों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा
वहीं संक्रमण के खतरे के मद्देनजर वोटिंग सेंटर पर कम भीड़ रखी जायेगी और मतदान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। इस संबंध में जरूरी अधिसूचना चुनाव आयोग जल्द जारी करेगा। हालाँकि ये व्यवस्था सिर्फ बुजुर्गों और कोरोना मरीजों के लिए हैं। सामान्य रोगियों के लिए वोटिंग प्रक्रिया पहले जैसे ही रहेगी।
केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए भी राहत दी गयी है और जो होम क्वांटरटीन या संस्थागत आइसोलेशन में रहेंगे उन्हें भी इस तरह की सुविधा मिलेगी।
बिहार चुनाव से हो सकती है शुरुआत
वहीं चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार बिहार में तय समय पर ही विधानसभा चुनाव होंगे। आयोग के अनुसार कोरोना बीमारी के बीच पहले से ही इस तरह की तैयारी होगी ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। हालांकि इसके लिए किस तरह के उपाय किये जाएंगे। इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वोटिंग की टाइमिंग को कुछ बढ़ाने के विकल्प पर विचार किये जा सकते हैं।
साथ ही अभी आयोग एक महीने का इंतजार करेगा, जिसके बाद राज्य में चुनाव के लिए तैयारी शुरू करेगी। तय समय सीमा के अनुसार नवंबर अंत से पहले राज्य में नये विधानसभा का गठन होना है। बिहार के साथ मध्यप्रदेश में भी 24 सीटों पर उपचुनाव भी हो सकते हैं। लेकिन राजनीतिक दलों में कोरोना के नये मामले जिस तरह लगातार बढ़ रहे हैं उसे लेकर चिंता जरूर भी हैं।