रायपुर। प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। पहले केवल आंचलिक कोविड अस्पतालों राजनांदगांव, अंबिकापुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बिलासपुर कोविड अस्पताल तथा रायपुर स्थित एम्स, माना अस्पताल एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में ही मरीज भर्ती किए जा रहे थे। कोविड अस्पतालों की स्थापना के दूसरे चरण में ई.एस.आई.सी. अस्पताल कोरबा, शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल दुर्ग, एम.सी.एच. अस्पताल बलौदाबाजार, कोविड केयर अस्पताल कोरिया, एम.सी.एच. अस्पताल सूरजपुर, मिशन अस्पताल धमतरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलरामपुर क्रियाशील किए जा चुके हैं। इन अस्पतालों की कुल क्षमता 2380 है।
कोविड अस्पतालों के अगले क्रम में जिला स्तर पर कोविड केयर सेंटर के तौर पर रेलवे अस्पताल बिलासपुर, एन.टी.पी.सी. अस्पताल सीपत बिलासपुर, लाइवलीहुड कालेज जशपुर, सृष्टि अस्पताल कोरबा, भोरमदेव कन्या परिसर कवर्धा और गर्ल्स हास्टल मुंगेली को विकसित कर कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है। इन अस्पतालों की क्षमता 630 है। साथ ही गरियाबंद, महासमुंद और बालोद को आवश्यक होने पर तत्काल प्रारंभ किया जा सकता है। रायपुर स्थित इनडोर स्टेडियम को 230 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर के रुप में विकसित किया जा चुका है। इस प्रकार प्रदेश में तीन हजार नए मरीजों को तत्काल भर्ती कर इलाज शुरू किया जा सकता है। चिकित्सा अधिकारी के तौर पर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों और सरकारी अस्पतालों में 361 डॉक्टरों के नियुक्ति आदेश जारी किए जा चुके हैं।
माना कोविड अस्पताल में आवश्यकतानुसार मरीजों की भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू कर इलाज किया जाएगा। इसे बंद नहीं किया जा रहा है। अभी मरीजों की संख्या कम होने के कारण उन्हें डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल स्थानांतरित कर अस्पताल को सैनिटाइज किया जा रहा है। यह आवश्यक प्रक्रिया है। आवश्यकतानुसार माना अस्पताल में पुनः मरीज भर्ती किए जाएंगे।